अधीक्षण अभियंता वायके सिंघई का कहना है कि योजना का क्रियान्वयन 25 फरवरी से शुरू होना है। फिलहाल यह सम्भावना है कि मार्च के जो बिल अप्रैल में जारी होंगे वह 100 रुपए वाले होंगे। इसमें यदि 100 यूनिट से ज्यादा खपत होती है तो पूरे बिल पर प्रभार जुड़ेंगे। इस बार मॉनिटरिंग पर भी ध्यान दिया जाएगा।
100 यूनिट ज्यादा खपत पर नियामक आयोग द्वारा तय की गई दर के अनुसार भरना होगा बिल यह होगी चुनौती: सरल योजना के लागू होने के बाद यह देखने में आया था कि बिजली कम्पनी का लॉस बढ़ गया था। योजना के बाद आई मॉनिटरिंग में कमी के कारण उपभोक्ताओं ने मीटर की खपत पर तो पाबंदीलगा ली, लेकिन चैकिंग न होने के कारण बिजली चोरी करना शुरू कर दिया। यह चुनौती अब इंदिरा गृह ज्योति योजना में कम्पनी के सामने होगी।
यह है उपभोक्ताओं की स्थिति
05 लाख करीब जिले में सभी श्रेणी के कुल उपभोक्ता
3.33 लाख सौ यूनिट तक उपयोग करने वाले उपभोक्ता
2.06 लाख सरल बिजली योजना में पंजीकृत उपभोक्ता
1.97 लाख सरल योजना का लाभ लेने वाले
इन बातों का रखें ध्यान
सरल बिजली बिल के प्राप्त/लंबित पात्र आवेदन भी इस योजना के तहत मान्य होंगे। योजना 25 फरवरी व इसके बाद शुरू होने वाली आगामी बिलिंग से लागू होगी। हितग्राहियों के बिल की गणना विद्युत नियामक आयोग के टैरिफ अनुसार की जाएगी। शहरी, ग्रामीण क्षेत्र के अनमीटर्ड हितग्राहियों की सब्सिडी के दावे बिजली कंपनी अधिकतम 75 यूनिट प्रतिमाह की खपत से प्रस्तुत होंगे।
योजना में 1000 वाट तक के लोड वाले उपभोक्ताओं को ही शामिल किया जाएगा, लेकिन इनमें भी एयर कंडीशनर व हीटर का उपयोग करने वाले उपभोक्ता पात्र नहीं होंगे। 100 यूनिट से अधिक खपत होने पर प्रचलित टैरिफ अनुसार अतिरिक्त खपत पर लागू उर्जा प्रभार, एफसीए, मीटर प्रभार, विद्युत शुल्क का भुगतान स्वयं हितग्राही को करना होगा।
बिजली ज्यादा, खपत महंगी: शासन द्वारा जारी निर्देशों में 100 यूनिट से अधिक बिजली का उपयोग महंगा पड़ जाएगा। यदि किसी उपभोक्ता की खपत 110 यूनिट है तो उसे 110 यूनिट पर ही प्रचलित टैरिफ अनुसार लागू उर्जा प्रभार, एफसीए, मीटर प्रभार, विद्युत शुल्क लागू होंगे। हालांकि इसमें तत्कालीन समय में लागू यूनिट चार्ज केवल अतिरिक्त 10 यूनिट पर ही लागू होगा।