बदइंतजामी: धीमी सरकारी प्रकिया से पंचायतों को हस्तांतरण में बाधा
छिंदवाड़ा•Mar 29, 2019 / 11:43 pm•
prabha shankar
Environment clearance for sand mines
छिंदवाड़ा. जिला स्तरीय खनिज मूल्यांकन समिति डिया को समाप्त करने से जिले की छह रेत खदानों का पर्यावरण क्लियरेंस अटक गया है। ये खदानें पंचायतों को हस्तांतरित नहीं हो सकी हंै। अब राज्य स्तरीय मूल्यांकन समिति सिया ही इस पर निर्णय ले सकेगी।
शिवराज सरकार के समय बनाई गई रेत नीति में यह आया था कि नीलामी से छूट गईं रेत खदानों को पंचायतों को दिया जाएगा। इसकी स्वीकृति से लेकर पर्यावरण क्लियरेंस तक सारी प्रकिया निर्धारित की गई थी। खनिज विभाग द्वारा जिले की आठ खदानों को पंचायत के दायरे में लाने का निर्णय एक साल पहले लिया गया। इस लम्बी प्रकिया में केवल दो खदानें रंगारी और जाटाछापर को लाया जा सका। शेष छह खदानों का पर्यावरण क्लियरेंस अटक गया। इस बीच प्रदेश में नई सरकार आने के बाद जिला स्तरीय समिति डिया को भंग कर दिया गया। इससे ये मामले सीधे राज्य की सिया समिति को हस्तांतरित हो गए। नई सरकार ने नई नीति की बात भी कह दी। कुल मिलाकर पंचायतों को खदानों को हस्तांतरित करने का मामला लोकसभा चुनाव के बाद ही तय हो पाएगा। खनिज अधिकारी मनीष पालेवार का कहना है कि जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति डिया के समाप्त होने के बाद सारे मामले पर विचार राज्य स्तरीय सिया ही करेगी।
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