इनका कहना है
जिन उत्पादों पर जीएसटी में छूट मिली है उनके व्यापार पर जीएसटी नम्बर और इ-वे बिल से छूट मिलनी चाहिए। इससे बेवहज परेशानी होती है। ये अनावश्यक जटिलताएं हैं इन्हें सरकार खत्म करें। वहीं आयकर का दायरा बढ़ाकर पांच लाख रु. होना चाहिए।
उमेश अग्रवाल, व्यवसायी
सरकार बड़े और मध्यम वर्ग के उद्योगों पर बजट में नजर रखती है और उनको लाभ देने के लिए योजनाएं बनाती है। लघु और कुटीर उद्योगों को साख तवज्जो नहीं मिलती। इन्हें सबसे ज्यादा सब्सिडी मिले ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिल सके।
श्याम सुंदर चांडक, अध्यक्ष लघु उद्योग भारती, छिंदवाडा
व्यापार को एक टैक्स के दायरे में लाना चाहिए। अलग-अलग राज्यों में जो टैक्स है उसे खत्म करना चाहिए। जीएसटी का और सरलीकरण होना चाहिए।
इससे व्यापार करने में कारोबारियों को और सुगमता रहेगी साथ ही सरकार तथा विभाग को भी आसानी होगी।
आशुतोष डागा, कांग्रेस व्यापारी प्रकोष्ठ अध्यक्ष कांग्रेस
खेती और किसानों के लिए सरकार कई घोषणाएं बजट में करती है, लेकिन उसका फायदा सम्पन्न ज्यादा उठाते हैं। किसानों को कर्ज और दूसरी आवश्यकताओं के लिए परेशान न होना पड़े सरकार ऐसे निर्णय ले। तभी उन्हें लाभ हो सकता है।
जीवनलाल यादव, किसान
उपज का दाम किसानों को सही मिले इस पर योजना बनानी चाहिए। ड्रिप और मल्चिंग पर सरकार सब्सिडी और बढ़ाए। सोलर पैनल को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि बिजली आसानी से मिल सके। साथ ही एक मैप बनाया जाए कि किसान कहां-क्या और कब लगाए।
गजेंद्र घाटोले, प्रगतिशील कृषक
किसानों को चाहे उपज का भुगतान करने की बात हो या फिर उसके उचित मूल्य की। इसके लिए राज्य और केंद्र मिलकर एक नीति बनाए तभी किसान को फायदा होगा। बाजार में बिचौलिए खत्म हों और पुख्ता व्यवस्था हो ताकि सही मायने में लाभ मिल पाए
कमलेश साहू, किसान