आस्था: सहजयोगियों ने नाचते गाते मनाया श्रीमाताजी का जन्मदिवस
९६ किलो का केट काटकर मनाई खुशियां
आस्था: सहजयोगियों ने नाचते गाते मनाया श्रीमाताजी का जन्मदिवस
छिंदवाड़ा. शहर से दस किलोमीटर दूर लिंगा स्थित शिव पर्वत स्थल पर बुधवार की रात अलग ही नजारा था। लोग सिर पर लाल टीका लगाए विशाल सभाकक्ष में गीत संगीत के साथ धर्ममय वातावरण के साथ ताली बजाकर नृत्य कर रहे थे। देशभर से आए सहजयोगियों के साथ विदेशी भी भारतीय वेशभूषा में श्रीमाताजी की जय, निर्मलादेवी की जय के साथ आनंद में मगन थे। मौका था श्रीमातजी के ९६वें जन्मदिवस पर आयोजित विशेष उत्सव का।
्र सहजयोग की प्रणेता निर्मलादेवी की जन्मस्थली छिंदवाड़ा में हरवर्ष उनका जन्मदिन महोत्सव के रूप मेेें मनाया जाता है। रात साढ़े आठ बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हुए जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों की झलक दिखी।
जैसे ही रात १२ बजे ९६ किलो का केक लाया गया। निर्मलादेवी ट्रस्ट के पदाधिकारियों और दुनिया भर से आए सहजयोगियों के बीच इस केक को काटकर श्रीमाताजी का जन्मदिन मनाया गया। इसी के साथ चार दिनों से चल रहे उत्सव का विशेष आयोजन सम्पन्न हुआ। गुरुवार को सुबह ध्यान के बाद १० बजे से लिंगा स्थित ध्यान केंद्र में जन्मदिवस की पूजा होगी।
बुधवार को दिनभर चले कार्यक्रम:
बुधवार को सुबह छह बजे से प्रात:कालीन ध्यान सभी ने किया। इसके बाद दस बजे से सेमिनार का दूसरा सत्र शुरू हुआ। जो डेढ़ बजे तक चला। दोपहर तीन बजे से दूसरा सत्र शुरू हुआ। विशेषज्ञों और जानकारों ने यहां आए लोगों को सहजयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। शाम को छह बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हो गए जो रात १२ बजे तक चले।
बुधवार को लिंगा स्थित आयोजन परिसर में सुबह से सहजयोगियों का आना लगा रहा। कुछ अनुयायी २० और २१ मार्च के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुधवार को यहां पहुंचे। आयोजनकर्ताओं के अनुसार लगभग २० हजार सहजयोगी पूरे विश्व से छिंदवाड़ा पहुंचे हैं। लिंगा में मुख्य कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद छिंदवाड़ा में आश्रम स्थित श्रीमाताजी के जन्मस्थान को देखने भी लोग पहुंचे व यहां ध्यान किया।
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