अपराध करने के बाद पुलिस को गुमराह करने और साक्ष्य छिपाने के लिए अपराधी किसी और के नाम की सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसके नाम पर सिम है उसे भी यह जानकारी नहीं है कि उसके नाम पर कोई और सिम लेकर उसका गलत इस्तेमाल कर रहा है। किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपित फरार हो जाए और उसका मोबाइल महज पुलिस के हाथ लगे तो सबसे पहले पुलिस उस व्यक्ति को हिरासत में लेगी जिसके नाम पर सिम है। पुलिस सबसे पहले उससे ही पूछताछ करेगी। आरोपित अपने आपको बचाने के लिए अब इस तरह के हत्थकंडे भी अपना रहे हैं। पुलिस को गुमराह करने के साथ ही जांच को प्रभावित भी किया जा सकता है।
एेसे हुआ खुलासा
क्राइम ब्रांच की टीम ने पिछले दिनों खापाभाट मीडिल स्कूल के सामने पीजी कॉलेज रोड स्थित अमित उर्फ पिंटू के मकान से अक्षत अग्रवाल (२६) निवासी वार्ड क्रमांक 17 सिवनी रोड छिंदवाड़ा, आकाश शाह (२४) निवासी गांधी गंज छिंदवाड़ा, अंकूर पटेल (३०) निवासी छोटा तालाब थाना कोतवाली छिंदवाड़ा एवं अमित उर्फ पिंटू इवनाती (२८) निवासी मीडिल स्कूल के सामने खापाभाट को आइपीएल क्रिकेट का सट्टा खिलाते पकड़ा था। पुलिस ने आठ मोबाइल सहित अन्य सामग्री जब्त की थी। पांच मोबाइल की सिम अक्षत अग्रवाल और आकाश शाह के नाम पर दर्ज है। सट्टा खिलाने के लिए जिस सिम का इस्तेमाल किया जा रहा था वह किसी रमजान नामक व्यक्ति के नाम पर दर्ज है।
पुलिस ने दर्ज किया धोखाधड़ी का मामला
पुलिस ने संचार उपकरण प्रतिरुपण कर छल करके दस्तावेजों से कपटपूर्वक मोबाइल सिम प्राप्त कर उसका गलत इस्तेमाल किया है। पुलिस ने चारों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण भी दर्ज किया है। पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि जो फर्जी सिम मिली है वह आइपीएल क्रिकेट शुरू होने के कुछ समय पहले ही खरीदी गई है। इस मामले से यह तो साफ हो गया कि अभी भी फर्जी तरीके से सिम की खरीदी और बिक्री दोनों ही हो रही है।
जांच की जाएगी
आरोपितों ने किस वितरक से सिम खरीदी थी उसकी जानकारी जुटाई जा रही है उससे भी इस मामले में पूछताछ की जाएगी। दोषी पाए जाने पर सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
-मनोज कुमार राय, एसपी, छिंदवाड़ा