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छिंदवाड़ा

Farmer: अन्नदाता फिर बेबस, जो दाम मिल रहा उसी में बेच रहे उपज

Farmer: व्यापारी भी भाव बढ़ाने में हट रहे पीछे

छिंदवाड़ाFeb 27, 2020 / 12:04 pm

prabha shankar

Hundreds of farmers did not reach paddy purchase center even after token issue

बढ़ी आवक… पिछले साल की अपेक्षा इस साल केंद्रों धान की आवक बढ़ी है।

छिंदवाड़ा/ इस बार मक्का ने ऐन मौके पर किसानों को दगा दे दिया। जनवरी के खत्म होते-होते भाव ऐसे टूटे कि अब सम्भलने का नाम नहीं ले रहे हैं। फरवरी के पूरे महीने में मक्का को 1550 रुपए प्रति क्विंटल से ज्यादा दाम नहीं मिले। 17 फरवरी को तो दाम रेकॉर्ड उतरकर 926 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गए। पिछले आठ-दस दिन में मंडी में बोली में उछाल आया, लेकिन 1550-1570 रुपए से ज्यादा दाम पर अब व्यापारी मक्का खरीदने के इच्छुक नहीं दिख रहे हैं।
किसानों के हाल ये हैं कि भगवान का नाम लेकर वे अपना अनाज मंडी में ला रहे हैं और जो मिल रहा है उसी में बेच रहे हैं क्योकि अगले महीने से गेहूं की आवक भी शुरू हो जाएगी।
कई किसान तो कुचिया व्यापारियों, साथी किसानों से मंडी के भाव पर रोज नजर बनाए रखे हैं। जिस दिन आवक कुछ कम हुई तो फटाफट अपना अनाज मंडियों में भेज रहे हैं ताकि मांग के अनुसार व्यापारी कुछ ज्यादा दाम लगा दें।
बुधवार को कुसमेली स्थित कृषि उपज मंडी में 14 हजार बोरा मक्का किसानों ने लाया। व्यापारियों ने 1450 से 1550 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से व्यापारियों ने मक्का खरीदा। 20 फरवरी को कुछ किसानों के ढेर 1610 रुपए प्रति क्विंटल बिके तो किसानों के चेहरे पर कुछ रंगत देखने को मिली, लेकिन उसके अगले तीन चार
दिन किसानों को फिर झटका लगा।
मंगलवार को तो दाम लगभग दो सौ रुपए उतरकर 1350 रुपए पर आ गए थे। इस दिन औसत 1485 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर मक्का मंडी में बिका।

व्यापारी नहीं ले रहे रिस्क

बा हर से डिमांड कम होने के कारण व्यापारी भी अब रिस्क नहीं ले रहे हैं। वे अच्छी गुणवत्ता और सूखे मक्के पर ही दांव लगा रहे हैं। बाहर से मक्का के आयात के कारण देश में मांग कम होने से व्यापारियों ने नीलामी में दाम गिरा दिए हैं। जरा सी भी नमी रहे तो मक्का के खराब होने का खतरा रहता है। ऐसे में व्यापारी सम्भलकर खरीदी कर रहे हैं।

मंदी में अच्छे दाने भी हो रहे बेभाव
किसानों का कहना है भाव में मंदी के कारण अच्छी गुणवत्ता वाले मक्का को भी भाव नहीं मिल रहे। जो मक्का 1800 से 2000 रुपए प्रति क्विंटल बिकना चाहिए उस पर भी व्यापारी ऊंची बोली नहीं लगा रहे हैं। ऐसे में किसानों को मायूसी हो रही है। हालांकि मंडी में यदि किसान चाहें तो भाव न पटने पर अपना अनाज वापस ले जा सकता है, लेकिन लाने और वापस ले जाने का खर्च उन्हें मक्का बेचने को मजबूर कर रहा है।

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