उप-जेल अमरवाड़ा के बंदियों को नियमित रूप से न्यायालय में पेशी पर नहीं ले जाया जा रहा है। जेल में करीब ५० बंदी ऐसें हैं जिन्हें न्यायालय में पेशी पर ले जाना जरूरी है। जिला न्यायालय और अन्य जिले के न्यायालय में पेशी पर ले जाने की बात तो दूर बंदियों को स्थानीय अमरवाड़ा सिविल न्यायालय में भी पेश नहीं किया जा रहा है। साप्ताहिक परेड के दौरान बंदी शिकायत भी कर रहे हैं। लगातार पेशी पर न ले जाने के कारण जेल में बंद बंदियों में भी असंतोष की स्थिति बन रही है। इस मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक से लेकर अन्य आला अधिकारियों को भी है। बावजूद इसके अभी तक किसी ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया। उप जेल प्रबंधन पत्राचार के माध्यम से सम्बंधित अधिकारियों को अवगत करा चुका है। जिन बंदियों की पेशी होती है उनकी जानकारी सम्बंधित थाना प्रभारी को जेल अधीक्षक एक या दो दिन पहले देते हैं जिससे कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा से पेशी पर न्यायालय में ले जाया जा सके।
जेल के विचाराधीन बंदियों को नियमित रूप से पेशी पर
न्यायालय ले जाने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है। जेल से सूचना देने के बाद भी पुलिस बंदियों को पेशी पर लेकर नहीं जा रही। सहायक अधीक्षक उप जेल अमरवाड़ा ने ३० जनवरी २०१८ को एक पत्र एसपी के नाम भेजा, जिसमें इस बात का उल्लेख किया है कि अमरवाड़ा थाना पुलिस बंदियों को पेशी पर लेकर नहीं जा रही है। पत्र की प्रतिलिपि महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं भोपाल सहित अन्य को भेजी थीं। किसी प्रकार का सुधार न होने पर रक्षित निरीक्षक को भी पत्राचार किया गया, लेकिन नतीजा आज तक सिफर ही है।
फैल रहा है असंतोष पुलिस बल की कमी के कारण विचाराधीन बंदियों को पेशी पर जिला न्यायायल, अमरवाड़ा, सौंसर और सिवनी जिला न्यायालय नहीं ले जाया जा रहा है, जिसके कारण उनमें असंतोष फैल रहा।
एडवर्ड स्वामी, उप जेल अमरवाड़ा के अधीक्षक
जानकारी नहीं है मेरे कार्यकाल के दौरान किसी प्रकार का पत्र नहीं मिला है। पहले किसी प्रकार का पत्राचार हुआ
होगा तो उसे दिखवाता हूं। अतुल सिंह, एसपी, छिंदवाड़ा