scriptGang rape: मरते दम तक जेल में रहेगा सामूहिक बलात्कार का आरोपी | Gang rape accused will remain in jail till death | Patrika News
छिंदवाड़ा

Gang rape: मरते दम तक जेल में रहेगा सामूहिक बलात्कार का आरोपी

बलात्कार के आरोपी के एक पराग उर्फ पिन्टू अग्रवाल निवासी वार्ड क्रमांक 32 पाण्डेय नर्सिंगहोम के पास छिंदवाड़ा को न्यायालय ने कठोर सजा

छिंदवाड़ाJan 27, 2022 / 02:28 pm

babanrao pathe

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छिंदवाड़ा. चौदह वर्ष की एक नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार के आरोपी के एक पराग उर्फ पिन्टू अग्रवाल निवासी वार्ड क्रमांक 32 पाण्डेय नर्सिंगहोम के पास छिंदवाड़ा को न्यायालय ने कठोर सजा सुनाई आरोपी पराग मरते दम तो जेल में रहेगा। वहीं उसका एक अन्य साथ अपचारी बालक की सुनाई बाल न्यायालय में चल रही है। वहीं राहुल यादव को न्यायालय ने दोषमुक्त किया है।

नाबालिग पीडि़ता जिसकी उम्र 14 वर्ष थी। 29 जनवरी 2020 को रात्रि करीब 9.30 बजे नाबालिग पीडि़ता अपनी सेहली के साथ पास की होटल में कुरकुरे लेने के लिए गई थी। वापस जा रही थी तभी रोड पर अपचारी बालक अपने दो दोस्तों के साथ खड़ा था जिनके नाम पराग और चुप्पी उर्फ राहुल यादव थे। नाबालिक पीडि़ता को देखकर आरोपी अपचारी बालक ने पीडि़ता का जबरदस्ती हाथ पकड़कर अपनी बाइक में बिठा लिया और पीछे अन्य आरोपीगण पराग और चुप्पी भी बैठे थे। सभी आरोपीगण नाबालिक को छिंदवाड़ा में स्थित एक निर्माणधीन मकान की छत पर ले जहां पर अपचारी बालक एवं पराग ने बारी-बारी से पीडि़ता के साथ उसका मुंह दबाकर बलात्कार किया। आरोपीगण नाबालिग पीडि़ता को छोड़कर वहां से भाग गए। घटना की रिपोर्ट पर प्रार्थिया द्वारा थाना देहात जिला छिंदवाड़ा में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्रकरण में शासन की ओर से दिनेश कुमार उइके विशेष लोक अभियोजक छिंदवाड़ा ने पैरवी की।

इन धाराओं में सुनाई सजा
न्यायालय संध्या मनोज श्रीवास्तव विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) छिंदवाड़ा ने विचारण के दौरान आए अभियोजन पक्ष की साक्ष्य एवं बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत तर्को पर विचार करने के बाद निर्णय पारित किया है। आरोपी पराग उर्फ पिन्टू अग्रवाल को धारा 366, भादंवि में पांच वर्ष का कठोर कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदंड, धारा 376(घ,क) में आजीवन कारावास जो शेष प्रकृत जीवन काल तक का एवं 10 हजार रुपए अर्थदण्ड, लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 16,17 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। नाबालिग पीडि़ता के भविष्यवर्ती जीवन को विचार में रखते हुए दंप्रसं 1973 की धारा 357(क) पीडि़त प्रतिकर योजना के अंतर्गत राज्य सरकार से प्रतिकर दिलाए जाने के भी आदेश दिए गए हैं।

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