बताया जाता है कि जिले के उत्कृष्ट, मॉडल तथा 500 से अधिक नामांकन वाले स्कूलों के प्राचार्य, प्रभारी प्राचार्य एवं प्रत्येक स्कूल से न्यूनतम चार शिक्षकों को अलग-अलग स्कूलों में एक भ्रमण कराया जाएगा। कार्यक्रम में संयुक्त संचालक, कार्यालय अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंडस्तरीय अधिकारी भी किसी एक बैच में निजी स्कूलों का भ्रमण करेंगे।
साथ ही भ्रमण के संबंध में शिक्षकों-प्राचार्यों को फीडबैक, भ्रमण की फोटोग्राफ तथा आगामी कार्रवाई के दस्तावेजों को 25 अप्रैल 2019 तक राज्य कार्यालय में उपलब्ध कराया जाना है। लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत के निर्देशानुसार उक्त कार्यक्रम की मॉनिटरिंग संयुक्त संचालक द्वारा की जाएगी तथा निर्धारित समय अवधि में जिले के 100 शिक्षकों को अनिवार्य रूप से भ्रमण कराया जाना है।
इन बिंदुओं पर की जाएगी समीक्षा अकादमिक स्तर पर टाइम टेबल, पढ़ाई का समय, कमजोर बच्चों के लिए क्या करते है, कैसे करते है, कक्षा के पीरीयड, गृह कार्य, मूल्यांकन कब, कैसे करते है, विद्यार्थियों की कॉपी चेक करने की समयावधि, प्राचार्य कितने प्रतिशत विद्यार्थियों की कॉपी को चेक करते है (प्रति हस्ताक्षर), कितने प्रतिशत विद्यार्थियों की कॉपी चेक की जाती है, अच्छे बच्चों के लिए क्या किया जाता है, शिक्षक डायरी कैसे लिखते है, शाला की कोई कार्य योजना, अकादमिक प्लान, कब बनता है, कैसे बनता है, कौन मॉनिटरिंग करता है आदि।
– प्रबंधन स्तर पर की जाने वाली समीक्षा विषय शिक्षकों की कमी होने पर क्या करते है, विषय शिक्षकों का उपयोग कैसे करते है, शिक्षक क्या-क्या रेकार्ड मेंटेन करते है, शिक्षकों की टे्रनिंग की क्या व्यवस्था है, शिक्षक स्कूल में किस कार्य में कितना समय प्रतिदिन देते है, पालक शिक्षक बैठक कब करते है, कितने प्रतिशत पालक आते है, शिक्षकों के साथ बैठक, विषय शिक्षकों की बैठक, स्टाफ बैठक, कक्षा अवलोकन, कॉपी चैकिंग, मूल्यांकन, पीटीएम कब-कैसे शामिल है।
खेलकूद गतिविधियों की समीक्षा – खेल सुविधाएं कैसी है, विद्यार्थियों को खेलने के लिए कितना समय मिलता है, कितने विद्यार्थी खेलकूद में भाग लेते है, कोचिंग की क्या सुविधा है समेत अन्य बिंदुओं पर समीक्षा की जाएगी।
इन स्कूलों का किया जाएगा भ्रमण – छिंदवाड़ा नगर में संचालित निजी स्कूलों में विद्याभूमि पब्लिक स्कूल, भारत भारती विद्यालय, निर्मल पब्लिक स्कूल, फस्र्ट स्टेप स्कूल, डीपीएस स्कूल शामिल है।