प्रदेश में एक टैक्स होना चाहिए अनाज व्यापारी आशुतोष डागा का कहना पड़ा कि जीएसटी को और सरल करना चाहिए। पूरे प्रदेश में एक टैक्स होना चाहिए। हम मंडी शुल्क पटाते हैं और जीएसटी भी। पांच प्रतिशत की श्रेणी से हम जैसे व्यापारियों को कम में लाया जाए। पहले की तुलना में व्यवस्था में कोई ज्यादा बदलाव नहीं आया है।
व्यवस्थित तो हुआ है व्यापार कारोबारी नितिन राठी ने बताया कि पेपर वर्क जीएसटी के आने से बढ़ गया है, लेकिन इसके जरिए सरकार ने व्यापार को व्यवस्थित बना दिया है। दो वर्षों में सरकार के कुछ नियम भी बदलें हैं, पहले एक महीने में पेपर वर्क देना थे। अब तीन महीने कर दिया है। 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपए तक के व्यापार पर जीएसटी नम्बर से छूट दी गई है। छोटे व्यापारियों को इससे राहत मिली है।