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छिंदवाड़ा

जीएसटी डे आज : दो वर्ष बाद भी सरलीकरण की गुंजाइश बरकरार

चर्चा में व्यापारियों ने जीएसटी को लेकर रखे विचार

छिंदवाड़ाJul 01, 2019 / 12:24 am

Rajendra Sharma

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छिंदवाड़ा. देश में नई कर प्रणाली जीएसडी को आज पूरे दो वर्ष हो गए। 2017 में केंद्र सरकार ने सालों पुरानी कर व्यवस्था को बदलते हुए एक देश एक कर का नारा दिया था। नई कर प्रणाली को लेकर प्रतिक्रियाएं भी बड़ी तेजी से आईं। व्यापारियों के साथ आर्थिक नीति के जानकारों ने अपनी राय रखी। प्रणाली की खामियों पर भी बात हुई, लेकिन अलग-अलग करों को खत्म करके एक कर की व्यवस्था का स्वागत भी हुआ। इन दो सालों में सरकार ने इसमें कई बदलाव भी किए हैं। ध्यान रहे पहले देश में पांच कर थे। सेंट्रल एक्साइज, सर्विस टैक्स, वेल्यू एडिट टैक्स, एंट्री टैक्स और सेस। इनको खत्म कर जीएसटी लागू किया गया, जिसे सामान्य कारोबारियों ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि कुछ का मानना है कि अभी भी इसे और अच्छा बनाने की गुंजाइश है।
प्रदेश में एक टैक्स होना चाहिए

अनाज व्यापारी आशुतोष डागा का कहना पड़ा कि जीएसटी को और सरल करना चाहिए। पूरे प्रदेश में एक टैक्स होना चाहिए। हम मंडी शुल्क पटाते हैं और जीएसटी भी। पांच प्रतिशत की श्रेणी से हम जैसे व्यापारियों को कम में लाया जाए। पहले की तुलना में व्यवस्था में कोई ज्यादा बदलाव नहीं आया है।
व्यवस्थित तो हुआ है व्यापार

कारोबारी नितिन राठी ने बताया कि पेपर वर्क जीएसटी के आने से बढ़ गया है, लेकिन इसके जरिए सरकार ने व्यापार को व्यवस्थित बना दिया है। दो वर्षों में सरकार के कुछ नियम भी बदलें हैं, पहले एक महीने में पेपर वर्क देना थे। अब तीन महीने कर दिया है। 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपए तक के व्यापार पर जीएसटी नम्बर से छूट दी गई है। छोटे व्यापारियों को इससे राहत मिली है।

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