ये भी मजबूर…
इसके पूर्व सब्जी मंडी में ही बनी दुकानों में से 70 दुकानें सब्जी व्यापारियों ने खरीद ली, लेकिन वे उसका इस्तेमाल गोदामों के रूप में कर रहे हैं। जब कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि वे दुकानों में खाली बैठे रह जाते हैं और पार्किंग में दुकाने लगाने वाले कमाई कर रहे हैं। इसके कारण उन्हें भी पार्किंग में दुकान लगानी पड़ती हैं।
इसके पूर्व सब्जी मंडी में ही बनी दुकानों में से 70 दुकानें सब्जी व्यापारियों ने खरीद ली, लेकिन वे उसका इस्तेमाल गोदामों के रूप में कर रहे हैं। जब कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि वे दुकानों में खाली बैठे रह जाते हैं और पार्किंग में दुकाने लगाने वाले कमाई कर रहे हैं। इसके कारण उन्हें भी पार्किंग में दुकान लगानी पड़ती हैं।
और ये हैं बेबस…
वहीं जब पार्किंग पर दुकान लगाकर रोजी-रोटी चलाने वाले दुकानदारों से बात की तो उन्होंने बताया कि मंडी ने 70 भूखंड हम जैसे 70 व्यापारियों को दुकानों के लिए बेचे हैं, लेकिन उस जगह पर सडक़ और नाली बनाना शुरू भी नहीं किया। इससे उन्हें मजबूरी में पार्किंग से ही काम करना पड़ रहा है।
वहीं जब पार्किंग पर दुकान लगाकर रोजी-रोटी चलाने वाले दुकानदारों से बात की तो उन्होंने बताया कि मंडी ने 70 भूखंड हम जैसे 70 व्यापारियों को दुकानों के लिए बेचे हैं, लेकिन उस जगह पर सडक़ और नाली बनाना शुरू भी नहीं किया। इससे उन्हें मजबूरी में पार्किंग से ही काम करना पड़ रहा है।
इनका कहना है
करीब सवा करोड़ रुपए की लागत से सडक़ और नाली का निर्माण होना है। वर्क ऑर्डर किया जा चुका है। निर्माण एजेंसी को दस माह का समय दिया गया है। उस समय सीमा के पूर्व उसे नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है। एजेंसी जल्द ही काम शुरू कर देगी।
– सुरेश कुमार परते, मंडी सचिव
करीब सवा करोड़ रुपए की लागत से सडक़ और नाली का निर्माण होना है। वर्क ऑर्डर किया जा चुका है। निर्माण एजेंसी को दस माह का समय दिया गया है। उस समय सीमा के पूर्व उसे नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है। एजेंसी जल्द ही काम शुरू कर देगी।
– सुरेश कुमार परते, मंडी सचिव