वहीं लापरवाही बरतने तथा समय सीमा में जवाब नहीं देने पर एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए तीन वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की चेतावनी दी है। बताया जाता है कि मप्र पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमि. द्वारा विभाग को की गई विभिन्न सप्लाई के देयकों से काटे गए वैट तथा जीएसटी-टीडीएस की राशि को शासकीय खाते में जमा करने तथा सप्लायरों को काटे गए टैक्स का प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए संचालनालय से बार-बार पत्राचार कर उक्त कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने के लिए निर्देशित किया गया।
इसके बावजूद चिकित्सा अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती गई। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश तथा शासकीय खाते में राशि जमा नहीं करना अनुचित एवं आपत्तिजनक श्रेणी में आता है। उक्त कृत्य को लापरवाही एवं उदासीनता को शासन स्तर पर गंभीरता से लेते हुए दोनों चिकित्सा अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है।
दो सौ रुपए प्रतिदिन की पैनाल्टी – जानकारी के अनुसार प्रत्येक माह में जीएसटी समेत अन्य कटौती की राशि को आगामी माह की दस तारीख तक जमा करना तथा जीएसटी रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होता है। साथ ही विलम्ब होने की स्थिति में प्रतिदिन के हिसाब से 200 रुपए पेनाल्टी का प्रावधान है। इसमें लापरवाही बरतने पर आहरण-संवितरण (डीडीओ) अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार माने जाते है। इसके लिए संबंधित विभाग के सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रासीक्यूशन की कार्रवाई भी की जा सकती है।