वहीं एक्स-रे विभाग में मशीन कक्ष में अनावश्यक सामग्री नहीं रखने तथा साफ-सफाई रखने की हिदायत दी गई। मप्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कायाकल्प कार्यक्रम तथा नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस के राज्यस्तरीय सलाहकार डॉ. विवेक मिश्रा ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर आने वाली सीआरएम की टीम सूक्ष्मता से एक-एक बिंदू पर समीक्षा करेगी तथा रिपोर्ट भारत शासन को उपलब्ध कराएगी।
इसमें थोड़ी सी भी लापरवाही पूरे प्रदेश के लिए भारी पड़ सकती है, जिसके कारण पहले ही तैयारी की जा रही है। इस अवसर पर जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. सुशील दुबे, नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य मौजूद थे।
कर्मचारियों की कमी बनी मुसीबत – पैथालॉजी विभाग में पर्याप्त कर्मचारियों के नहीं होने से कई समस्याएं बनी रहती है। विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के चार टेक्निशियन पदस्थ किए गए है, लेकिन वह अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर नहीं है तथा शासन द्वारा निर्धारित ओपीडी समय का भी पालन नहीं करते है। वहीं कुछ समय पहले स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा और कर्मचारियों की कमी पर आवश्यक व्यवस्था बनाने का दिए गए आश्वासन पर भी कोई राहत नहीं मिली है।