यहां गाय के मुख से बहता है पानी
ग्राम पंचायत जमुनिया जेठू में गोमुख मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य के साथ प्राचीनतम प्रतिमाओं के लिए प्रसिद्ध है।
परासिया. उमरेठ के पास ग्राम पंचायत जमुनिया जेठू में गोमुख मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य के साथ प्राचीनतम प्रतिमाओं के लिए प्रसिद्ध है। गोमुख मंदिर में प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा से 8 दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है लेकिन इस बार चुनाव के कारण इसे आगे बढ़ा दिया गया।
गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले तक मेला 15 दिनों तक भरता था। विगत वर्षों से यह मेला आठ से दस दिनों तक लग रहा है। मंदिर के भीतर भगवान शंकर, चित्रसेन, वीरभद्र, कालभैरव, महावीर स्वामी, पार्वती माता तथा कार्तिक देव की प्रतिमा विराजमान है। पत्थरों के बीच स्थित गोमुख समान चट्टान से लगातार जल धारा गिरती है जिसके कारण गौमुख नाम प्रसिद्ध हो गया। शुरू के तीन-चार दिन मेले में ग्रामीणों की भारी भीड़ जुटती है लेकिन बाकी के दिनों में मेला खाली नजर आता है। मेले में बड़ी संख्या में दुकानें लगाई गई है। जिनमें आभूषणों से लेकर घरेलू जरुरतों की सामग्री तक बिक रही है। उमरेठ से पांच किमी दूरी पर स्थित गौरपानी मानकादेही दमुआमाल पंचायत क्षेत्रों के मध्य वनभूमि पर लगाया गया है। इस मेले में लगभग 50 एकड़ वन भूमि का उपयोग किया जाता है।
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