महाप्रबंधक पेंच क्षेत्र ने उच्च न्यायालय जबलपुर में तहसीलदार द्वारा पट्टे वितरण करने की योजना एवं कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। सिंगल बेंच की सुनवाई में वेकोलि अधिवक्ता अनूप नायर ने तर्क प्रस्तुत किया जिसपर न्यायधीश संजय द्विवेदी ने पांच सिंतबर को पारित आदेश में राजस्व सचिव राज्य सरकार, कलेक्टर, तहसीलदार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और कार्रवाई पर स्थगन दिया है। आगामी सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।
कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद वेकोलि की अनुपयोगी भूमि पर आवास के लिए पट्टा वितरण की योजना पर तेजी से काम शुरू किया गया। वर्तमान में नगरीय इलाकों में राजस्व विभाग सर्वे कर रहा था, जो अंतिम चरण में है। प्रभारी मंत्री ने प्रथम चरण में नगरीय इलाकों के लगभग साढ़े चार हजार लोगों को पट्टा वितरित करने का कार्यक्रम बनाया गया था जिसमें परासिया नगर के 2400, चांदामेटा के 1500 सौ, बरकुही में 650 लोगों को पट्टा देने का लक्ष्य रखा गया था।
इनका कहना है आवासहीन लोगों को भूमि का पट्टा प्रदान करने के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जा रही थी। इससे इलाके के हजारों लोगों को भूमि का मलिकाना हक मिलता। राज्य सरकार न्यायालय में मजबूती से अपना पक्ष रखेगी और यहां के लोगों को न्याय मिलेगा। वेकोलि पर दबाव डालकर इस तरह के अंडग़े लगाए जा रहे हैं। आम लोग इसको समझ रहे हैं।
सोहन वाल्मिक विधायक परासिया
वीरबहादुर धुर्वे, तहसीलदार परासिया