छिंदवाड़ा

Higher education: विश्वविद्यालय की शिफ्टिंग की राह देख रहा यह कॉलेज, जानें वजह, पढ़ें पूरी खबर

अगले माह के अंत या फिर दिसंबर में नैक टीम मूल्यांकन करने आ सकती है।

छिंदवाड़ाOct 22, 2021 / 02:23 pm

ashish mishra

College: पीजी कॉलेज को छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के शिफ्ट होने का इंतजार


छिंदवाड़ा. शासकीय स्वशासी पीजी कॉलेज द्वारा नैक मूल्यांकन को लेकर बीते एक साल से की जा रही मेहनत पर पानी फिर सकता है। इसकी वजह यह है कि अब तक कॉलेज ने दो प्रमुख समस्याओं का समाधान नहीं किया है। उच्च शिक्षा विभाग मंत्री के घोषणा के सात माह बाद भी कॉलेज अभी छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के शिफ्टिंग का इंतजार कर रहा है। जबकि अगले माह के अंत या फिर दिसंबर में नैक टीम मूल्यांकन करने आ सकती है। दरअसल पीजी कॉलेज के पास कवर्ड कैम्पस नहीं है। वहीं कॉलेज द्वारा बनाया गया अत्याधुनिक लाइब्रेरी भवन में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का प्रशासनिक कार्य संचालित हो रहा है। ये दोनों वजह पीजी कॉलेज की नैक ग्रेडिंग को कम करने के लिए प्रर्याप्त हैं। यानी कॉलेज प्रबंधन नैक ग्रेडिंग सुधारने की कोशिश कर रहा है, लेकिन संभव है कि दोनों वजहों से अच्छी ग्रेडिंग की बजाए नैक टीम कॉलेज की ग्रेडिंग कम कर दे। बता दें कि लगभग एक वर्ष से राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद(नैक) से मूल्यांकन कराने के लिए पीजी कॉलेज तैयारियों में जुटा हुआ है। कॉलेज ने बैंगलौर नैक ऑफिस में एसएसआर की रिपोर्ट भी भेज दी है। जिस पर नैक ऑफिस द्वारा पूछताछ की जा रही है। सभी बिन्दुओं पर संतुष्ट होने के बाद नैक टीम कॉलेज आकर निरीक्षण करेगी। सभी मापदंड पर खरा उतरने पर ही कॉलेज को अच्छी ग्रेडिंग मिलेगी।
े हर पांच साल में नैक से मूल्यांकन
नियम के अनुसार कॉलेजों को हर पांच वर्ष में नैक मूल्यांकन कराना चाहिए। हालांकि पीजी कॉलेज ने किन्ही कारणों से इस नियम को पूरा नहीं किया। अब सात साल बाद कॉलेज नैक मूल्यांकन कराने की तैयारी कर रहा है। इससे पहले 28 सितबंर 2014 को नैक टीम मूल्यांकन करने पीजी कॉलेज पहुंची थी। उस समय कई कमियों को कारण नैक टीम ने कॉलेज को ‘बी प्लस’ ग्रेड दिया था।कॉलेज को दो प्रमुख कमी की वजह से ‘ए’ ग्रेड नहीं मिल पाया था। नैक टीम ने पीजी कॉलेज के कवर्ड न होने और अत्याधुनिक लाइब्रेरी भवन न होने पर सवाल उठाए थे। कॉलेज ने अत्याधुनिक लाइब्रेरी भवन बनवा लिया, लेकिन अभी भवन में विश्वविद्यालय संचालित हो रहा है। वहीं कॉलेज के पास अब भी कवर्ड कैम्पस नहीं है।

सभी कॉलेजों को मूल्यांकन करना अनिवार्य
यूजीसी गाइडलाइन अनुसार कॉलेजों को हर पांच साल में नैक टीम को निरीक्षण कराने के लिए सेल्फ स्टडी रिपोर्ट भेजना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। शासकीय हो या निजी सभी कॉलेजों को नेशनल एक्रिडिएशन काउंसिल (नैक) से मूल्यांकन कराना चाहिए। रूसा एवं यूजीसी ने भी अब यह निर्धारित कर रखा है कि कॉलेजों को अनुदान तभी मिलेगा जब वह नियम अनुसार नैक से मूल्यांकन कराएगा। वर्ष 2022 तक हर हाल में कॉलेजों को नैक मूल्यांकन कराने की बात कही गई है। लगातार मूल्यांकन नहीं कराने पर संबंधित संस्थान की मान्यता भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए सभी कॉलेजों के लिए नैक मूल्यांकन करना अनिवार्य किया गया है।
इनका कहना है..
दोनों बिन्दुओं पर काम चल रहा है। नगर पालिका निगम आयुक्त को पत्र लिखा गया है। कॉलेज का कवर्ड कैम्पस भी होगा और कॉलेज के अंदर से जा रही सडक़ के लिए विकल्प भी बनाया जाएगा। प्रशासन के अधिकारी संभवत: शुक्रवार को कॉलेज का निरीक्षण करेंगे। लाइब्रेरी भवन को लेकर भी जल्द ही निर्णय हो जाएगा।
डॉ. अमिताभ पांडे, प्राचार्य, पीजी कॉलेज
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