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छिंदवाड़ा

बोनस के लिए भटक रहे सैकड़ों मजदूर

बोनस देने की सहमति पर प्रबंधन और ठेकेदार कितना खरा उतरेंगे इस पर भी संशय बना हुआ है।

छिंदवाड़ाOct 15, 2019 / 11:13 pm

arun garhewal

बोनस के लिए भटक रहे सैकड़ों मजदूर

बोनस के लिए भटक रहे सैकड़ों मजदूर

छिंदवाड़ा. परासिया. कोयला खदानों में काम कर रहे लगभग दो हजार से अधिक ठेका मजदूर अपने बोनस के लिए पिछले साढ़े तीन वर्ष से भटक रहे है। इनमें से मात्र बीस मजदूरों को कई वर्ष पहले एक हजार रुपए बोनस मिला था। पिछले वर्ष सहायक श्रम आयुक्त, यूनियन तथा ठेकेदार के मध्य बोनस देने पर सहमति व्यक्त की गई थी लेकिन बोनस नहीं दिया गया। इस बार भी ठेका मजदूरों की दिवाली फीकी रहने वाली है। पिछला इतिहास देखे तो बोनस देने की सहमति पर प्रबंधन और ठेकेदार कितना खरा उतरेंगे इस पर भी संशय बना हुआ है।
ठेका मजदूरों के बोनस के लिए काम कर रहे कोल मजदूर यूनियन के अध्यक्ष मो. रफीक खान बताते है कि पेंच तथा कन्हान क्षेत्र में लगभग 22 ठेकेदार है जिनके माध्यम से खदानों में मजदूरो से काम कराया जाता है। पिछले वर्ष दिवाली के पूर्व जोरशोर से बोनस की घोषणा की गई थी लेकिन प्रबंधन और ठेकेदार के गठजोड़ ने इसे हाशिए पर डाल दिया।
प्रबंधन और ठेकेदार बोनस देने की जवाबदारी एक दूसरे के उपर डालकर अपना पल्ला झाड लेते है। गौरतलब है कि खदानों मेें काम करने वाले वेकोलि कामगार को प्रत्येक तीन माह पर औसतन सात हजार रुपए और वार्षिक बोनस लगभग औसतन 64 हजार रुपए तक मिलता है जबकि ठेका कामगारों को उनकी वार्षिक आय का 8.33 प्रतिशत बोनस देने का प्रावधान होने के बाद भी बोनस का भुगतान नहीं किया जा रहा है। ठेका मजदूरो का शोषण विभिन्न स्तरों पर होता है, उन्हें निर्धारित वेतन नहीं दिया जाता है, प्रतिबंधात्मक जोखिम वाले कार्य कराए जाते है और काम समयावधि से अधिक कराया जाता है। कोल इंडिया प्रबंधन के स्पष्ट आदेश के बाद भी मजदूरो कों बोनस नहीं दिया जाता है।
सहमति के बाद भी नहीं देते है बोनस: ठेका मजदूरो को बोनस भुगतान के मामले में समझौता के अनुसार चालू वर्ष का बोनस प्रतिमाह के आधार पर उनकी मजदूरी में जोडकर ठेका श्रमिक के बैंक खाता में जमा किया जाएगा। बोनस के लिए मजदूर की सी फार्म से गणना की जाएगी इसके पहले एलपीसी को आधार बनाया जाता था। अमूनन मजदूरो को बोनस दिपावली के समय दिया जाता है। पिछले वर्ष हुई वार्ता में सहा श्रमायुक्त नवीन वैद्य, कोल मजदूर यूनियन अध्यक्ष मो रफीक खान, महामंत्री सुरेश बुनकर, ठेकेदार प्रतिनिधि मंसूर अली, सहा प्रबंधक कार्मिक मनोज त्रिपाठी, नितेश मंडलेकर उपस्थित थे।

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