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छिंदवाड़ा

लू से बचना है तो करें यह काम

मौसम : दोपहर के वक्त हो रही असहनीय धूप, स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को दी सलाह

छिंदवाड़ाMay 13, 2019 / 12:01 am

Rajendra Sharma

heat wave in rajasthan

आज पूरे देश में सबसे अधिक तापमान राजस्थान के बाड़मेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर में बना हुआ है। इसके अलावा मौसम विभाग ने प्रदेश के 15 और जिलों में जारी कर रखा है रेड अलर्ट

छिंदवाड़ा. इन दिनों जिले में तेज गर्मी के साथ दोपहर के वक्त झुलसा देने वाली धूप निकल रही है। जिला अस्पताल में लू की पीडि़त लोग इलाज कराने पहुंचने लगे हैं।
इधर, स्वास्थ्य विभाग ने आम लोगों को बढ़ती धूप की तपन से सावधान रहने और लू से बचाव की सलाह दी है। लू लगने पर प्राथमिक उपचार कराने और विभिन्न सावधानियां बरतने के लिए भी कहा गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेएस गोगिया ने बताया कि वर्तमान में गर्मी में तापमान में अचानक तेजी देखी जा रही है जिससे कई प्रकार की बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में बढ़ती धूप की तपन से सावधान रहने और लू से बचने सावधान रहना होगा। गर्मी के दिनों में धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले कपड़ों का प्रयोग करेंं और भरपेट भोजन करके व पानी पीकर ही घर से बाहर निकलें।
चिकित्सकों का कहना है कि हमेशा ताजा भोजन, फल, सलाद और सब्जियां खाएं तथा मिर्च और मसालेयुक्त भोजन न करें। गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग, कान व सिर को गमछे या तौलिया से ढंककर ही धूप में निकलें। तेज धूप से बचने के लिए रंगीन चश्में व छतरी का प्रयोग कर सकते हैं।
गर्मी में हमेशा पानी अधिक मात्रा में पिएं। जहां तक संभव हो सके ज्यादा समय धूप में खड़े होकर व्यायाम, मेहनत व अन्य कार्य न करें। नींबू पानी, आम की कैरी का पना, शिंकजी या मठा अधिक से अधिक पिएं। धूप में घूमने वाले व्यक्ति नमक व शक्कर युक्त कोई तरल पदार्थ या ओआरएस घोल का अधिक सेवन करें।
बुखार में न बढऩे दें तापमान

लू लगने पर शरीर तपता है। चिकित्सकों का कहना है कि बुखार में शरीर का तापमान नहीं बढऩे दें और आवश्यकता के अनुसार ठंडे पानी की पट्टी रखें। कूलर या एयर कंडीशनर से धूप में एकदम नहीं निकलें। लू या तापघात से प्रभावित होने पर रोगी को तुरंत ही छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दें और हवा करें। रोगी के होश में आने की दशा में प्याज का रस अथवा जौ का आटा भी ताप नियंत्रण के लिए मला जा सकता है। रोगी को पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल (ओआरएस), कच्चे आम का पना आदि पिलाएं। रोगी के शरीर का ताप कम करने के लिए यदि संभव हो तो उसे ठंडे पानी से स्नान कराएं या उसके शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखकर पूरे शरीर को ढक दें। इस प्रक्रिया को तब तक दोहराएं जब तक शरीर का ताप कम नहीं हो जाता। इससे भी यदि मरीज ठीक नहीं होता है तो उसे तत्काल निकट के स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाएं।
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