script55 साल में दिव्यांगों को नहीं दे पाया रैम्प | In 55 years could not ramp up Diwyangon | Patrika News
छिंदवाड़ा

55 साल में दिव्यांगों को नहीं दे पाया रैम्प

पीजी कॉलेज का मामला 2 जिले के अग्रिणी कॉलेज का हाल, यूजीसी रिव्यू कमेटी ने भी दिए थे निर्देश- सुविधाओं के अभाव में दिव्यांग हो रहे परेशान

छिंदवाड़ाApr 21, 2016 / 01:10 pm

chhindwara

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छिंदवाड़ा. जिले के लीड कॉलेज के साथ स्थायी स्वशासी का दर्जा पा चुके पीजी कॉलेज में दिव्यांग (नि:शक्त) विद्यार्थी सुविधाओं के अभाव में परेशान हो रहे हैं। इस कॉलेज को बने 55 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन अब तक यहां दिव्यांगों के लिए रैम्प की व्यवस्था नहीं हो पाई है। आलम यह है कि वर्षों से दिव्यांग विद्यार्थी किसी तरह से कॉलेज पहुंचते हैं। सुविधाएं न होने से वे लडख़ड़ाते कदमों के साथ क्लास रूम में जाने लिए किसी के सहारे का इंतजार करते हैं। यह हाल तब है जब कुछ ही दिनों पहले यूजीसी रिव्यू कमेटी ने कुछ निर्देशों के साथ कॉलेज को स्थायी स्वशासी होने का दर्जा दिया था। इसमें एक निर्देश यह भी था कि कॉलेज जल्द ही दिव्यांगों के लिए रैम्प बनवाए। जिससे वह कॉलेज के प्रथम तल पर बने क्लास रूम में बिना किसी परेशानी के पहुंच सके।

तीन माह पहले रिव्यू कमेटी ने दिए थे निर्देश
रिव्यू कमेटी 29 जनवरी को कॉलेज पहुंची, 30 जनवरी को टीम ने कॉलेज में रैम्प बनवाने के निर्देश दिए थे। हैरत की बात यह है कि कमेटी के सामने प्रबंधन ने कुछ ही हफ्तों में रैम्प बनाने की हामी तो भर दी, लेकिन ढाई माह बाद भी रैम्प की सुविधा मिलना तो दूर अब तक यहां काम भी शुरू नहीं हो पाया है।

वर्ष 1960 में बना था कॉलेज
जिले में उच्च शिक्षा के लिए वर्ष 1960 में पीजी कॉलेज खोला गया। 1970 में स्नातकोत्तर का दर्जा मिला। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने इस कॉलेज को 1994 में अस्थाई ऑटोनोमस का दर्जा दिया। 22 मार्च 1999 को इस कॉलेज को जिले का लीड कॉलेज घोषित किया गया। वर्ष मार्च 2016 में यूजीसी ने इसे स्थाई स्वशासी कॉलेज घोषित किया। अब कॉलेज सुविधाओं के आधार पर क्लस्टर यूनिवर्सिटी का दावा भी ठोक रहा है।




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