इनका कहना है
इलाहाबाद बैंक ने मंडी परिसर की अपनी शाखा बंद कर दी है, लेकिन किराया दे रहा है। कोऑपरेटिव बैंक से आग्रह किया गया है, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वह जवाब दे देंगे तो अन्य बैंकों को पत्र लिखा जाएगा। परिसर में बैंक होने से किसान एवं कर्मचारियों को सुविधा होती है।
– सुरेश परते, सचिव कृषि उपज मंडी कुसमेली
पूर्व के बैंक में कैश की समस्या बनी रहती थी, लेन-देन कम होता था। ज्यादातर लोग अकांउट भी नहीं खोल पाए थे। ज्यादातर व्यापारियों के खाते प्राइवेट बैंकों में हैं। परिसर में किसी प्राइवेट बैंक के होने से बेहतर सुविधा होगी।
प्रतीक शुक्ला, अध्यक्ष छिंदवाड़ा अनाज व्यापारी संघ