कोयला चोरी के लिए जान दाव पर
रावनवाड़ा की वर्षों पूर्व बंद भूमिगत कोयला खदान में शनिवार शाम 6 बजे जहरीली गैस से एक व्यक्ति की मौत और 2 लोगों के गंभीर घायल होने पर मामला चिंताजनक हो गया है। कहा जा रहा है कि जिन खदानों को बंद किया गया है उसका मोहरा भी सील किया गया। लेकिन लोग मोहरा तोडक़र कोयला चोरी करने के लिए खदान में घुसते हैं। जिसके कारण जहरीली गैस से लोगों की मौत हो रही है। इसके पूर्व 4 वर्ष से बंद गणपति भूमिगत खदान के मोहरे के भीतर गत वर्ष 2 लोगों की भी जहरीली गैस से मौत हो गई थी।
छिन्दवाड़ा/ परासिया. रावनवाड़ा की वर्षों पूर्व बंद भूमिगत कोयला खदान में शनिवार शाम 6 बजे जहरीली गैस से एक व्यक्ति की मौत और 2 लोगों के गंभीर घायल होने पर मामला चिंताजनक हो गया है। कहा जा रहा है कि जिन खदानों को बंद किया गया है उसका मोहरा भी सील किया गया। लेकिन लोग मोहरा तोडक़र कोयला चोरी करने के लिए खदान में घुसते हैं। जिसके कारण जहरीली गैस से लोगों की मौत हो रही है। इसके पूर्व 4 वर्ष से बंद गणपति भूमिगत खदान के मोहरे के भीतर गत वर्ष 2 लोगों की भी जहरीली गैस से मौत हो गई थी। इस तरह एक साल में 2 बड़े हादसे हो चुके है।
ज्ञात हो कि 2 वर्ष पूर्व बडक़ुही के स्टेट बैंक के पीछे बंद कोयला खदान में भी चांदामेटा के एक युवक कोयला निकालने के लिए घर से बोल कर गया था। लेकिन वह लौटा नहीं आया। उसके साथियों ने पुलिस को बताया कि खदान के भीतर कोयला निकालते समय वह दब गया। पुलिस जांच के लिए पहुंची थी और वेकोलि के बचाव दल ने भी खदान के भीतर कुछ दूरी तक जाकर खोजबीन की थी। लेकिन युवक का आज तक पता नहीं चला। एसडीम मनोज कुमार प्रजापति रावनवाड़ा में घटनास्थल पर पहुंचे और वेकोलि प्रबंधन को मोहरे में मलबा डालकर बंद करने ,फेंसिंग करने को कहा। घटना के बाद रविवार को एसडीओपी अनिल शुक्ला ,थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार त्रिपाठी, पटवारी देवेंद्र साहू ,वेकोलि प्रबंधन के अधिकारी भी पहुंचे और उन्होंने आवश्यक कार्यवाही शुरू की। रावनवाड़ा पुलिस ने घटना को लेकर मर्ग कायम किया है।
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