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छिंदवाड़ा

जानिए क्या है मकर संक्रांति

हिंदू धर्म के मक्रर संक्रांति  पर्व पर स्नान, दान आदि करने का विशेष महत्व है। जानिए क्या है मकर संक्रांति…

छिंदवाड़ाJan 07, 2017 / 12:24 pm

Prashant Sahare

makar sankranti

pilgrims holy dip on makar sankranti

छिंदवाड़ा. सामान्यता जनवरी की 14 तारीख को मक्रर संक्रांति मनाई जाती है। हिंदू धर्म के इस पर्व में स्नान, दान आदि करने का विशेष महत्व है। इस दिन दान देने से सौ गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। संक्रांति पर सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है। इसे उत्तरायण भी कहा जाता है।

पंडित राम शंकर वाजपेयी ने बताया है कि14 जनवरी वर्ष का एक ऐसा दिन है जब धरती के लिए अच्छे दिनों की शुरुआत होती है। इस दिन से सूर्य दक्षिण के बजाए उत्तर में गमन करने लगता है। इसके पहले सूर्य पूर्व की ओर से दक्षिण की ओर चलता है। सूर्य की पूर्व से दक्षिण चलने वाली किरणों को खराब माना जाता है। लेकिन 14 जनवरी से सूर्य की दिशा बदल जाती है और वह पूर्व से उत्तर की ओर गमन करने लगता है। सूर्य की यह किरण सेहत के लिए उत्यंत लाभकारी होती है। इसीलिए यह दिन धरती के अच्छे दिनों की शुरुआत माना जाता है।

दान का विशेष महत्व

chhindwara

मकर संक्रांति पर स्नान कर दान आदि करने का विशेष महत्व है। इस दिन दान करने से मिलने वाला फल सौ गुना बढ़ जाता है। उड़द, चावल, तिल, चिवड़ा, गो, स्वर्ण, ऊनी वस्त्र, कम्बल आदि दान करने का अपना महत्व है। इस दिन गंगा आदि नदियों में स्नान करने से सभी पापों, रोगों और अन्य परेशानियों से निजात मिल जाती है। वहीं मंदिर में जाकर दान भी देना चाहिए। जिससे आपको अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। पुराणों में कहा गया है कि मकर संक्रांति से देवताओं के दिन शुरू हो जाते हैं।

अलग अलग राज्यों में अलग नाम से मनाया जाता है यह पर्व
यह पर्व पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है। भारत के प्रत्येक राज्य में इस पर्व को 14-15 जनवरी के दिन मनाया जाता है लेकिन राज्य के अनुसार इसके नाम अलग-अलग हैं।
जैसे . मध्यप्रदेश- मक्रर संक्रांति , उत्तरप्रदेश- खिचड़ी, केरल- पोंगल, पंजाब – लोहड़ी सहित अन्य राज्यों में इसे अलग-अलग रूप में मनाया जाता है।

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