170 अधिक हुई कथाएं
शंकरवन धाम में अंतिम दिन श्रद्धालु शिवलिंग के दर्शन करते हुए अपनी तथा परिजनों मनोकामनाएं पूर्ण होने पर भगवान सत्यनारायण की कथाएं कराई। सुबह से शुरू हुआ यह सिलसिला देर रात्रि तक चलता रहा। पुजारियों के अनुसार लगभग 170 से अधिक परिवारों ने यहा कथा कराई।
भजनों की रही गंूज
मेले के अंतिम कथा प्रवचनकर्ता रामविशाल शुक्ल ने श्रीमद् भागवत कथा का समापन हवन पूजन
पूर्णाहूति के साथ कराया। दहीलही कार्यक्रम में सभी ने सहयोग दिया। इस दौरान संगीतमय भजनों मेला परिसर में गंूजते रहे। इस दौरान महाप्रसाद भी वितरण किया गया।
चौक चौबंद रही व्यवस्था
ंअंतिम दिन मेले की भव्यता को देखते जिले से पुलिस बल बुलाया गया। रविवार को मेले में पुलिस और स्वास्थ्य व्यवस्था सुचारु रही । जनपद पंचायत एवं वनविभाग के कर्मचारियों सहित स्थानीय लोगों ने भी अपनी सेवाएं दी। वाहनों की पार्किंग के लिए अलग व्यवस्था थी।
आज रहेगी खरीददारों की भीड़
मेले के समापन के साथ ही सोमवार का दिन दुकानदारों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। आज आने वाले अधिकांश श्रदालु खरीदी के उद्देश्य से मेला पहुंचते है। विशेष तौर पर मेला टैक्स मुक्त होने कारण लोग बड़ी संख्या में खरीदारी करने पहुंचते है।
श्रद्धालुओं ने किया स्नान
जुन्नारदेव. नगर की धार्मिक पहचान पहली पायरी में प्रतिवर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले मेले में विकासखंड सहित जिले से जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान पहली पायरी में प्रवाहित अविरल जलधारा में श्रद्धालुओं ने स्नान कर भगवान भोले शंकर की पूजा अराधना की।
गौरतलब हो कि नगर सहित समूचे विकासखंड के अतिरिक्त जिले के विभिन्न स्थलों से पहली पायरी की अविरल जलधारा में स्नान करने के लिए अलसुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा इस दौरान विभिन्न स्थलों से आए लोगों ने पहली पायरी में पहाड़ों के बीच पिकनिक का आनंद भी लिया गया इस दौरान स्थानीय व्यापारियों ने खिलौने, धार्मिक कैलेण्डर, चाट, गुपचुप की दुकानों के साथ बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले आदि लगाए गए।