इधर प्रशासकीय निर्देश के आधार पर काउंसलिंग में चयनित शिक्षकों को उनकी नवीन पदस्थापना में १७ अगस्त तक अनिवार्य रूप से ज्वाइनिंग देने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं समय सीमा समाप्त के बाद आदेश को स्वत: निरस्त माने जाने की चेतावनी दी गई है।
काउंसलिंग में स्कूल के प्राचार्य भी थे शामिल
कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी में समस्त उत्कृष्ट तथा मॉडल स्कूलों के प्राचार्य भी शामिल थे। इसके बावजूद संकाय तथा विद्यार्थियों की प्रवेश संख्या शून्य होने पर भी सम्बंधित विषयों के शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गई। विभाग से भेजी गई मेरिट सूची में जिले के २०५ शिक्षकों के नाम शामिल थे, लेकिन काउंसलिंग के दौरान प्रदेश और जिलास्तरीय पदस्थापना के निर्देशों में अचानक किए गए संशोधन को लेकर बवाल मच गया था। इसके कारण ज्यादातर शिक्षक काउंसलिंग का बहिष्कार कर वापस हो गए थे। इसके बाद विभाग ने शेष १०४ शिक्षकों की पदस्थापना जिले के शासकीय उत्कृष्ट स्कूल छिंदवाड़ा, मोहखेड़, परासिया, सौंसर, पांढुर्ना, अमरवाड़ा, चौरई तथा शासकीय मॉडल हाईस्कूल परासिया, तामिया, अमरवाड़ा और हर्रई में कर दी गई है।
कराई जाएगी जांच
काउंसलिंग के दौरान उत्कृष्ट तथा मॉडल स्कूलों के प्राचार्य मौजूद थे। इसके बावजूद यदि किसी स्कूल से गलत जानकारी उपलब्ध कराने तथा संकाय या विद्यार्थी न होने पर भी नियुक्ति कराई गई है तो जांच कराई जाएगी। दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
आरएस बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी