scriptफर्जी तरीके से निकाली जा रही मनरेगा की राशि | MNREGA amount being withdrawn fraudulently | Patrika News
छिंदवाड़ा

फर्जी तरीके से निकाली जा रही मनरेगा की राशि

अंबाडा पंचायत के सरपंच राधेश्याम आम्रवंशी ने मनरेगा कार्य में गड़बड़ी की शिकायत जिला कलेक्टर से की है। उन्होंने बताया कि अंबाडा पंचायत में कर्मचारियों व जनपद के अधिकारियों ने मिलीभगत कर बिना उनकी जानकारी के मनरेगा कार्य कराए हैं। उसका भुगतान उन एजेंसियों को किया गया है जिसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।पत्र में सरपंच ने आरोप लगाया है कि रोजगार सहायक, उपयंत्री, और वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में शासकीय राशि का गबन किया जा रहा है ।

छिंदवाड़ाSep 23, 2021 / 11:18 am

Rahul sharma

MNREGA amount being withdrawn fraudulently

MNREGA amount being withdrawn fraudulently

छिन्दवाड़ा/परासिया. अंबाडा पंचायत के सरपंच राधेश्याम आम्रवंशी ने मनरेगा कार्य में गड़बड़ी की शिकायत जिला कलेक्टर से की है। उन्होंने बताया कि अंबाडा पंचायत में कर्मचारियों व जनपद के अधिकारियों ने मिलीभगत कर बिना उनकी जानकारी के मनरेगा कार्य कराए हैं। उसका भुगतान उन एजेंसियों को किया गया है जिसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। सरपंच ने बताया कि मनरेगा के तहत नाला विस्तारीकरण कार्य किया गया है जिसकी जानकारी कार्य एजेंसी को नहीं है । यह कार्य बिना प्रस्ताव से कराया गया है। बिल में सरपंच के हस्ताक्षर होते है लेकिन उनकी बिना जानकारी के 1 लाख 40 हजार 952 रूपए का भुगतान किया गया है। अरनव कंस्ट्रेक्शन, जय भोले ट्रेडर्स, तनुश्री मटेरियल सप्लायर के बिल लगाकर राशि निकाली गयी है। सरपंच ने बताया कि इसी तरह खेत तालाब योजना में मटेरियल सप्लाई करने वाले व्यक्ति की जगह किसी अन्य का बिल लगाकर पैसा निकाला गया है। पत्र में सरपंच ने आरोप लगाया है कि रोजगार सहायक, उपयंत्री, और वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में शासकीय राशि का गबन किया जा रहा है सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष तथा मोठार के सरपंच प्रदीप राय कहते है कि प्रदेश सरकार सरपंचों के अधिकारों में लगातार कटौती कर रही है। रोजगार सहायक अपनी मनमर्जी से मनरेगा में जियो टेंगिग और अन्य कार्य करा रहे हैं। पहले सामाजिक सुरक्षा पेंशन, बीपीएल कार्ड, आवास योजना, प्रमाण पत्र में सरपंच का हस्तक्षेप रहता था लेकिन अब सरकार सचिव को प्राथमिकता दे रही है। अधिकारी प्रति सप्ताह सचिवों की बैठक में निर्माण कार्यों की समीक्षा करते है लेकिन पांच साल में पांच बार भी सरपंचों की बैठक नहीं बुलाई गयी है।
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