राजकुमारी कहती है कि ग्राम पंचायत खैरीचैतू वाले कहते है कि पहले हरनभटा से नाम कटाकर लाओ इसके बाद यहां नाम जोडेंग़े फिर कोई काम होगा। वहीं हरनभटा पंचायत में कहते है कि तुम खैरीचैतू में रहने लगी हो वहां से लिखाकर लाओ तब नाम काटेंगे। इसी जद्दोजहद में राजकुमारी दो वर्षों से भटक रही है। सबसे अधिक परेशानी उसके बच्चों को स्कूल में उठानी पड़ रही है कोई प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है।
दिलीप डेहरिया, प्रभारी संचिव