किसानों के खेतों में इस समय फसलें फूल और फल पर हैं, ऐसे में तेज बारिश या फिर ओलावृष्टि फसलों को प्रभावित करती है। तेज हवाओं के साथ होने वाली बारिश के कारण फसलें जमीन पर गिर जाती है जिससे फसलें बर्बाद होती है। बीते दिनों जिले में हुई अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से कुछ ऐसा ही हुआ है। सांसद नकुलनाथ ने कहा जिले के तामिया, हर्रई, बटकाखापा, अमरवाड़ा, परासिया, चांद, चौरई सहित अन्य ब्लॉक में भारी बारिश व ओलावृष्टि से अनाज, सब्जी एवं फल वाली फसलों को भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश की भाजपा सरकार अभी तक सर्वे का कार्य ही पूरा नहीं करा पाई है, जबकि इतने समय में किसानों को मुआवजा राशि मिल जानी चाहिए थी।जिले के किसानों को पहले से ही अपनी उपज का उचित दाम नहीं मिल रहा है किसी तरह लागत लगाकर खेतों में फसलें उगाई उसे मौसम ने चौपट कर दी। इन परिस्थितियों में किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। सांसद नकुलनाथ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि किसानों को 50 हजार रुपए प्रति एकड़ व अगली फसल लगाने के लिए मूंग, सोयाबीन एवं खाद निशुल्क दें क्योंकि इस मौसम में भी जिले के अधिकांश किसान सोयाबीन और मूंग का उत्पादन लेते हैं। सरकार से खाद और बीज मिल जाता है तो किसानों को सूदखोरों के सामने हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।