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छिंदवाड़ा

Municipal Corporation: वसूली से नहीं हो पा रही भरपाई, बढ़ सकता है टैक्स

सफाई, बिजली व पेयजल पर खर्च ज्यादा फिर भी समय पर नहीं मिलता निगम टैक्स, नगर निगम का बजट सरकारी अनुदान पर निर्भर: सेवा शुल्क वृद्धि के प्रस्ताव की सुगबुगाहट शुरू

छिंदवाड़ाAug 06, 2020 / 04:38 pm

prabha shankar

nagar nigam

Municipal Corporation: Cuts in employees’ financial crisis

छिंदवाड़ा/ शहरी नागरिकों की मूलभूत सुविधा सफाई, बिजली, पानी और अग्नि सुरक्षा पर नगर निगम का जितना खर्च है, उसका दस फीसदी भी टैक्स के रूप में आम जनता से प्राप्त नहीं हो पा रहा है। इससे हर माह निगम को सरकारी अनुदान का मुंह ताकना पड़ता है। इससे सेवा शुल्क वृद्धि के प्रस्ताव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
निगम के अनुसार शहरी-ग्रामीण इलाकों में इस समय 50 हजार 700 मकान रजिस्टर्ड हंै। प्रत्येक से 180 रुपए समेकित कर के नाम पर सालाना लिए जाते हैं। इनसे करीब 90 लाख रुपए का टैक्स जमा होता है। इस टैक्स की मद के खर्च देखा जाए तो सफाई, अग्नि सुरक्षा और स्ट्रीट लाइट का खर्च करीब 30 करोड़ रुपए सालाना है। इस खर्च को पूरा करने के लिए सरकारी अनुदान का मुंह देखना पड़ता है।

सम्पत्ति कर: 14.39 करोड़ का लक्ष्य
नगर निगम के टैक्स का बड़ा भाग सम्पत्ति कर से आता है। इस वर्ष 2020-21 में इसका लक्ष्य 14.39 करोड़़ रुपए रखा गया है। इस पर करीब चार करोड़ रुपए पिछली तिमाही में वसूल किए गए हैं। यह पिछले साल की अपेक्षा तीन प्रतिशत कम है। हालांकि इस बार फिर निगम ने 30 सितम्बर तक टैक्स जमा करने पर 6.25 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया है। इस टैक्स से भी कर्मचारियों के वेतन समेत अन्य खर्च जुड़े हैं।

गड़बड़ाए बजट पर शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव
निगम अधिकारियों का मानना है कि निगम के बढ़ते खर्च और टैक्स के कम कलेक्शन को देखते हुए इसकी समीक्षा आवश्यक है। इसके लिए फिलहाल निगम के सेवा शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव की कवायद की जा रही है। अभी राशन कार्ड शुल्क 10 रुपए, जलकर कार्ड 20 रुपए, नामांतरण शुल्क 1205 रुपए तथा जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र शुल्क 10 रुपए निर्धारित है। इसमें वृद्धि करीब 20 साल से नहीं की गई है। इस पर कुछ शुल्क बढ़ाया जा सकता है। इससे निगम की आय को सहारा मिलेगा।

पेयजल: के खर्च की तुलना में जलकर कम
नगरीय क्षेत्र में नल कनेक्शन 36135 है। प्रत्येक कनेक्शन पर 150 रुपए का शुल्क निर्धारित है। इससे करीब 54 लाख रुपए का प्रतिमाह टैक्स अपेक्षित है, लेकिन उतना जमा नहीं हो पाता। जबकि पेयजल पर इससे दस गुना ज्यादा खर्च है।

प्रस्ताव तैयार करने क दिए हैं आदेश
निगम का सम्पत्तिकर समेत अन्य टैक्स की वसूली पर जोर दिया गया है। इसी तरह सेवा शुल्क में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए गए हैं। इस पर फै सला अगले साल तक हो सकेगा।
-हिमांशु सिंह, आयुक्त नगर निगम।

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