साहित्य भूषण, अन्नाभाऊ साठे के विचारों को अंगीकार करने की जरूरत है
छिंदवाड़ा•Aug 13, 2019 / 11:18 pm•
arun garhewal
अन्नाभाऊ साठे के विचारों को अंगीकार करने की जरूरत
छिंदवाड़ा. सौंसर. शोषित, वंचित समाज के लिए जागरुकता का संदेश देने वाले लोकशाहिर, साहित्य भूषण, अन्नाभाऊ साठे के विचारों को अंगीकार करने की जरूरत है, विषमतावादी ताकतों को समझकर हमें अन्नाभाऊ साठे के समतावादी, न्यायवादी विचारों पर चलना होगा। अन्नाभाऊ साठे की जयंती तभी सार्थक होगी जब समाज, उनके बताए हुए आदर्श मार्ग को समझेगा और उनके साहित्य को पढ़ेगा। उक्ताशय के विचार महाराष्ट्र के पुणे से जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे अन्नाभाऊ साठे के पौत्र सचिन साठे ने व्यक्त किए।
सचिन साठे ने समाज को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले, संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, सावित्रीबाई फुले, अन्नाभाऊ साठे, लहूजी साल्वे सहित मानवतावादी महापुरुषों के विचारों पर चलकर ही हम आगे बढ़ सकते हैं। इस अवसर पर सचिन साठे ने अन्नाभाऊ साठे के जीवनी पर भी प्रकाश डाला और उनके साहित्य की जानकारी भी दी।
जयंती समारोह में विधायक विजय चौरे ने भी विचार रखते हुए कहा कि अन्नाभाऊ साठे के द्वारा समाज कल्याण के लिए जो कार्य किए गए हैं, वह अतुलनीय है। कार्यक्रम में साहित्यकार चन्द्रकांत वानखड़े ने भी विचार रखे। प्रतिभा चौरे, इंजीनियर संजय सोमकुंवर, राहुल रंगारे, कवि तन्हा नागपुरी, जनपद सदस्य पूजा इंगले, सभापति संजय हनवते, जनप्रतिनिधि एवं अतिथि मंचासीन थे। आयोजन को लेकर संगठन अध्यक्ष तेजराम लोखंडे, अशोक निखाड़े, श्यामराव लोखंडे, विनोद वानखड़े, श्रावण सनेसर, प्रवीण सनेसर, चन्दू सनेसर, शेखर सनेसर, दीपक तेलंगे, गजानन सनेसर, संतोष इंगले, श्याम खडसे, प्रभाकर सनेसर, बाबाराव लोखंडे, रूपेश वानखडे, सुधीर सनेसर, कैलाश वानखडे, नीलम खडसे आदि कार्यकर्ताओं ने सहयोग दिया।
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