हर वर्ष स्वीकृत होता है बजट –
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत प्रयोगशाला के रख-रखाव, उपकरणों और कैमिकल की उपलब्धता के लिए शासन से प्रतिवर्ष राशि प्रदान की जाती है। लेकिन उचित मॉनिटरिंग नहीं होने और भ्रष्टाचार के चलते प्रयोगशालाओं की हालात में सुधार नहीं होता है।
यह आती हैं दिक्कतें –
1. प्रयोगशाला नहीं होने से विद्यार्थी प्रैक्टिकल नहीं कर सकेंगे।
2. कैमिस्ट्री, फिजिक्स समेत अन्य विषयों में छात्रों को स्वयं शोध करना होता है, वह नहीं कर सकेंगे।
3. मैदान या क्लास रूम में प्रयोग करने पर उपकरण और कैमिकल को लाना ले जाना करना होगा, जो टूटने और कैमिकल से नुकसान की आशंका रहती है।
फैक्ट फाइल –
विषय प्रयोगशाल कक्ष
नहीं है – है
भौतिकी विज्ञान 143 – 59
रसायन प्रयोगशाल 141 – 61
जीवविज्ञान 146 – 56
कम्प्यूटर 176 – 26
सीएम राइज और अन्य व्यवस्थाओं के तहत होगा सुधार –
जिले में सीएम राइज अंतर्गत चिन्हित कई स्कूलों में प्रयोगशाला की स्थापना होगी। साथ ही अन्य व्यवस्थाओं की मदद की भी मदद ली जाएगी। प्रतिवर्ष शासन को सूचित किया जाता है, जो भी सुविधाएं दी जानी है, वहीं से सुनिश्चित होती है। हालांकि कुछ स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष में प्रयोग किए जा रहे है।
– अरविंद चौरगड़े, जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा