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छिंदवाड़ा

स्वास्थ्य संचालनालय के निर्देशों को नहीं मान रहे अधिकारी, पढ़ें पूरी खबर

शासन के निर्देशों को ताक पर रख रहा स्वास्थ्य विभाग, अटैच रहकर मौज मना रहे अधिकारी-कर्मचारी

छिंदवाड़ाJan 14, 2019 / 11:35 am

Dinesh Sahu

Officers do not believe in the Directorate of Health

Officers do not believe in the Directorate of Health

छिंदवाड़ा. जिले के स्वास्थ्य महकमे पर शासन के निर्देशों लेकर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है। इसकी वजह बड़ी संख्या में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय तथा सिविल सर्जन सह अधीक्षक कार्यालय में अटैचमेंट पर चिकित्सा अधिकारी-कर्मचारियों का अटैचमेंट पर रहकर कार्य करना है। मप्र स्वास्थ्य संचालनालय भोपाल ने सीएमएचओ तथा सिविल सर्जन को अटैचमेंट में कार्यरत कर्मचारियों को तत्काल उनके मूल पदस्थापना में भेजने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद डॉक्टर, लिपिक वर्गीय, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, एनएचएम के संविदा कर्मचारी समेत दर्जनों अधिकारी-कर्मचारी अटैचमेंट के रूप में कार्यरत हैं।
बताया जाता है कि जिले में सीएमएचओ तथा सिविल सर्जन बदल गए, लेकिन भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित करने वाले अटैचमेंट वाले नहीं बदल सके है। इतना ही नहीं आरोप यह भी लग रहा है कि अटैचमेंट के लिए भारी मात्रा में लेन-देन किया जाता है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग कमाई का अच्छा जरिया बना हुआ है। चपरासी से लेकर अफसर तक मूल पदस्थापना छोडक़र जिला मुख्यालय या विधानसभा मुख्यालय में कार्य कर रहे हैं। एेसा नहीं है कि विभाग प्रमुख को इसका संज्ञान नहीं है, लेकिन हर बार बहाना बनाकर शासन को गुमराह कर दिया जाता है।

एनएचएम में नहीं कोई प्रावधान

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पदों पर कार्यरत डॉक्टर, डाटा ऑपरेटर, बीपीएम, लेखापाल समेत अन्य कर्मचारी किसी भी स्थिति में अटैचमेंट के रूप में कार्य नहीं कर सकते हैं। एनएमएच अंतर्गत इसके लिए कोई प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद जिले में कई संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी मूल पदस्थापना में कार्य नहीं कर रहे हैं।

सीएमएचओ की है जिम्मेदारी


मप्र स्वास्थ्य संचालनालय की अपर संचालक (परिवार कल्याण) रूही खान ने स्वास्थ्य विभाग में अटैचमेंट समाप्त कर सभी चिकित्सा अधिकारी-कर्मचारियों को मूल पदस्थापना में कार्य करने निर्देश दिए थे तथा शासन के निर्देशों के परिपालन की जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की तय की गई थी। इतना ही नहीं लापरवाही या शासकीय निर्देशों की अवमानना पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गई थी।

जिले के कई संस्थाओं में चिकित्सा अधिकारी-कर्मचारी पदस्थ नहीं है, जिसके कारण व्यवस्था बनाने अस्थाई रूप से तैनाती करना मजबूरी है। जिला अस्पताल में अधिकांश पद डॉक्टरों के रिक्त हैं, लेकिन बड़ी संख्या में आने वाले मरीजों और वीआइपी ड्यूटी के लिए डॉक्टरों को लगाना पड़ता है। अटैचमेंट व्यवस्था पूर्ण रूप से अस्थाई है, आवश्यकता पडऩे पर मूल पदस्थापना वापस भेजा जा सकता है।

डॉ. जेएस गोगिया, सीएमएचओ छिंदवाड़ा।


यह है जिले में स्थिति


नाम पदनाम मूल पदस्थापना संलग्नीकरण स्थान
डॉ. सुधा बक्सी डॉक्टर परासिया जुन्नारदेव
डॉ. दिलीप मेहरा डॉक्टर तामिया सीएमएचओ कार्यालय
डॉ. योगेश शुक्ला डॉक्टर हर्रई देलाखारी
डॉ. प्रमोद वाचक डॉक्टर परासिया जिला अस्पताल
डॉ. बसंत शर्मा डॉक्टर जमुनिया —
डॉ. नेहा अग्रवाल डॉक्टर नंदनवाड़ी जुन्नारदेव
डॉ. सुधांशु मानेकर डॉक्टर रामपुर परासिया
डॉ. लक्षमण गोल्हानी डॉक्टर सोनपुर जिला अस्पताल
पुषा साहू स्टाफ नर्स तामिया रोहनाकलां
मिथलेश कटरे स्टाफ नस दमुआ चौरई
विजेंद्र बर्मन –— परासिया सीएमएचओ कार्यालय
मनोज भादे — सौंसर सीएमएचओ कार्यालय
राजेश बघेल लिपिकवर्गीय पिंडरईकलां सीएमएचओ कार्यालय
दीपिका पांडे लिपिकवर्गीय पिंडरईकलां सीएमएचओ कार्यालय
लक्षमण बरडे लिपिकवर्गीय सौंसर सीएमएचओ कार्यालय
लक्ष्मी प्रानी लिपिकवर्गीय सौंसर सीएमएचओ कार्यालय
बीएस गुजराल लिपिकवर्गीय सीएमएचओ सिविल सर्जन कार्यालय
राधेश्याम धार्मिक लिपिकवर्गीय टीबी अस्पताल सिविल सर्जन कार्यालय
रिचा तिवारी डाटा ऑपरेटर हर्रई सीएमएचओ कार्यालय
मनीष दुबे फार्मासिस्ट अमरवाड़ा सिविल सर्जन कार्यालय
अभिनव सक्सेना डाटा ऑपरेटर मोहखेड़ सिविल सर्जन कार्यालय
कमलेश धाकड़ टेक्निशियन पगारा सिविल सर्जन कार्यालय
(नोट – कई अधिकारी-कर्मचारियों के नाम को विभाग ने छिपाया है, जिसके कारण कुछ नाम सूची में शामिल नहीं हो पाए हंै।)

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