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छिंदवाड़ा

महादेव को अर्पित करते हैं सैकड़ों किलो वजनी त्रिशूल

ये त्रिशूल मन्नत के होते हैं या फिर भक्त अपनी श्रद्धा से अर्पित करते हैं

छिंदवाड़ाMar 01, 2019 / 11:30 am

prabha shankar

Pachmarhi Mela in MP

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छिंदवाड़ा. हर-बोला हर-हर महादेव का जयघोष इन दिनों शहर और गांवों की सडक़ों पर शिवभक्त लगाते दिखाई दे रहे हैं। यह क्रम शिवरात्रि तक चलेगा। गाजे-बाजे के साथ नाचते गाते भोलेबाबा के ये भक्त हाथ या कंधों पर त्रिशूल रखे हुए हैं। ये त्रिशूल पचमढ़ी के समीप सतपुड़ा के चौरागढ़ पहाड़ी पर बने ऐतिहासिक शिवधाम में समर्पित करने के लिए ले जाए जा रहे हैं। शिवरात्रि पर चौरागढ़ में लगने वाला महादेव मेला शुरू हो गया है और इसी के साथ महादेव के भक्तों के जाने का सिलसिला भी। ये त्रिशूल मन्नत के होते हैं या फिर भक्त अपनी श्रद्धा से अर्पित करते हैं। कुछ श्रद्धालु अपने कंधों पर इन त्रिशूल को रखकर पैदल भी महादेव तक का सफर तय करते हैं। यह यात्रा बेहद कठिन होती है, लेकिन अपने आराध्य भगवान के लिए वे यह रास्ता तय करते हैं। गौरतलब है कि भगवान शंकर को त्रिशूल सिर्फ इसी समय समर्पित किए जाते हैं। शिवरात्रि के पंद्रह दिन पहले से यह मेला शुरू हो जाता है और लोग समूह में यह यात्रा करते हैं।
पांच सौ किलो तक के त्रिशूल
महादेव को अर्पित करने के लिए भक्त सैकड़ों किलो वजनी त्रिशूल अर्पित करने के लिए ले जाते हैं। कई त्रिशूल चार से पांच सौ किलो लोहे के बने होते हैं। स्थानीय मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद इनकी शोभायात्रा निकाली जाती है और फिर विशेष वाहन में रखकर इन्हें पचमढ़ी ले जाया जाता है। वहां से लगभग दस से 12 किलोमीटर तक का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है। शिवभक्त इसे आसानी से कर लेते हैं।

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