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छिंदवाड़ा

निजी हॉस्पिटलों में कोरोना संक्रमित क्षेत्र के मरीजों हो रहा उपचार, जानें वजह

– संक्रमण को लेकर गंभीर नहीं कोई, प्रशासन या चिकित्सा अधिकारियों को नहीं किया जा रहा सूचित

छिंदवाड़ाJun 03, 2020 / 02:48 pm

Dinesh Sahu

COVID-19 patient dies 2 days after being discharged from hospital

COVID-19 patient dies 2 days after being discharged from hospital

छिंदवाड़ा/ छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस से सम्बद्ध जिला अस्पताल में संक्रमित क्षेत्र से आने वाले मरीजों कोविड केयर यूनिट के आइसोलेशन में रखा जाता है तथा उपचार से पहले उनकी कोरोना जांच भी कराई जाती है। इस व्यवस्था से नाराज कई परिजन अपने मरीज को निजी हॉस्पिटल में ले जाते है, जहां कोविड-19 जांच कराए बिना ही मरीजों को भर्ती कर लिया जाता है।
ऐसे में संक्रमण फैलने आशंका बन जाती है। हालांकि अभी तक ऐसी घटना सामने नहीं आई है, पर लगातार बाहर से आने वाले लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। लापरवाही इतनी कि सम्बंधित निजी हॉस्पिटल प्रबंधन उक्त मामले की सूचना स्थानीय प्रशासन या जिले के चिकित्सा अधिकारियों को भी नहीं देते है।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों सिवनी से एक गायनिक मरीज जिला अस्पताल लाई गई थी, जिसे एहतियातन कोविड केयर आइसोलेशन में भर्ती होने भेजा गया। लेकिन परिजन इसका विरोध करने लगे तथा मरीज को निजी हॉस्पिटल लेकर चले गए।

अब तक 14 हो चुके भर्ती –


शासन के निर्देश पर संक्रमित क्षेत्र से आने वाली गर्भवतियों को भर्ती करने के लिए जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के सर्जिकल विभाग में कोविड केयर यूनिट बनाया गया है, जहां अब तक 14 प्रसूताओं को भर्ती किया गया है। इनमें से तीन की डिलेवरी भी हो चुकी है। बताया जाता है कि जिनकी कोविड टेस्टिंग रिपोर्ट नेगेटिव आती है, उन्हें सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है। शासकीय संस्था में कोविड-19 टेस्ट निशुल्क होता, जबकि निजी में यह टेस्ट पांच हजार में होता है।

– दिए जाएंगे निर्देश


निजी चिकित्सा संस्थाओं में संक्रमित क्षेत्रों के मरीजों के उपचार की सूचना दी जानी चाहिए तथा ऐसे मरीजों जांच का रैकार्ड भी रखना चाहिए। इसके लिए सभी को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे।

– डॉ. प्रदीप मोजेस, सीएमएचओ

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