जब स्थानीय प्रयासों से किसान को बाहर नहीं निकाला जा सका तो प्रशासन ने डब्ल्यूसीएल के अधिकारियों से मदद मांगी। शाम को पंहुचे दल ने हालात देख कर खुद को असहाय करार दे दिया। ऐसे में गांव वालों की हिम्मत टूटने लगी, देर शाम बारिश का भी खतरा मंडरा रहा था। सुभाष इलाज चिकित्सकों ने कुएं में उतरकर किया।
घटना की जानकारी मिलते ही पराडकऱ के खेत में लोगों का हुजूम जुट गया। एसडीएम दीपक कुमार वैद्य, तहसीलदार शिवशंकर भलावी सहित प्रशासनिक अमला मौजूद रहा। घटना में रेस्क्यू करने के लिए जिले से आये एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची, लेकिन मामला गंभीर होने की वजह से कोई मदद नहीं कर पाए।