केंद्र और राज्य सरकार के बीच फंसा पेंच, हितग्राही हो रहे परेशान
कार्ययोजना स्वीकृति के चार माह बाद भी नहीं मिला पीएम आवास का बजट, नगर निगम कार्यालय में भटक रहे 16 सौ हितग्राही

छिंदवाड़ा. प्रधानमंत्री आवास योजना के बीएलसी घटक के अधीन 16 सौ हितग्राहियों के मकान की कार्ययोजना स्वीकृति होने के बाद भी चार माह से बजट नहीं मिल पाया है। इसको लेकर ये हितग्राही प्रतिदिन नगर निगम योजना कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। उच्च स्तर से यही खबर सामने आ रही है कि भोपाल-दिल्ली के बीच पेंच फंसने से बजट आने में देरी हो रही है।
निगम के मुताबिक इस योजना में कच्चे मकान को पक्का बनाने के लिए प्रति हितग्राही 2.50 लाख रुपए का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। अब तक शहर के 9164 हितग्राहियों को लाभ दिया जा चुका है। इनमें से 6300 लोगों ने अपना मकान पूरा कर लिया। शेष 1864 लोग अपने मकान निर्माण को पूरा नहीं करा पाए हैं। इस बीच नगर निगम द्वारा पांचवीं-छठवीं कार्ययोजना में 1664 हितग्राहियों के नाम भेजे गए थे। इसकी स्वीकृति शासन स्तर से मिल गई है। केवल बजट न आने से ये हितग्राही भटक रहे हैं। इनमें से कुछ का कच्चा मकान है जिसे वे पक्का करने के प्रयास में हैं। निगम कर्मचारियों का कहना है कि प्रतिदिन कम से कम दस से ज्यादा लोग आकर पूछताछ करते हैं, लेकिन बजट न आने से उन्हें लौटना पड़ता है। इधर, जनप्रतिनिधियों से पूछो तो वे यही जवाब दे रहे हैं कि केन्द्र और राज्य के बीच योजना में मतभेद आने से बजट आने में समस्या आ रही है। जब तक यह हल नहीं होगी, तब तक इंतजार ही करना होगा। इस योजना के नोडल अधिकारी कार्यपालन यंत्री एनएस बघेल का कहना है कि नगर निगम में जैसे ही बजट आएगा, कार्ययोजना में स्वीकृत हितग्राहियों के खाते में निर्धारित प्रक्रिया से राशि दे दी जाएगी।
तीन किस्तों में दी जाती है योजना की राशि
इस योजना में हर हितग्राही को 2.50 लाख रुपए तीन किस्तों में दिए जाने का प्रावधान है। निर्माण शुरू करने पर पहली किस्त एक लाख रुपए, द्वितीय एक लाख रुपए लेंटर तक तथा अंतिम किस्त 50 हजार रुपए निर्माण कार्य पूर्ण करने पर दिए जाते हैं। हालांकि चार कमरों के मकान के लिए यह अनुदान अपर्याप्त है। हितग्राही अपने पास से भी राशि लगाकर मकान बनाते आए हैं।
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