सिवनी जिले के कुरई थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम ग्यारी निवासी एवं मप्र पुलिस छिंदवाड़ा में पदस्थ प्रधान आरक्षक १९६ मदनलाल पाल के खिलाफ कोतवाली थाना में धारा ४१९, ४६५, ४६८, ४७१ एवं १२० बी के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। गुलाबरा एकता चौक निवासी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष आरपीआई रामकिशन पाल ने एसपी कार्यालय में शिकायत दी थी कि मदनलाल पाल ने अनुसूचित जाति का होने का फर्जी प्रमाण-पत्र बनाकर लाभ लिया और पुलिस विभाग में सेवाएं दे रहा है। जांच के दौरान उक्त जाति प्रमाण-पत्र संदेहासप्रद होने के सम्बंध में एसपी कार्यालय से प्रतिवेदन दस्तावेजों के साथ आदिवासी विकास (राज्य स्तरीय अनुसूचित जनजाति छानबीन समिति) भोपाल को भेजा गया। समिति ने भी दस्तावेज गलत पाया, जिसके बाद प्रधान आरक्षक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया।
३४ साल की नौकरी पूरी
आरोपित प्रधान आरक्षक मदनलाल पाल ने २८ अप्रैल १९८४ को सिवनी कलेक्ट्रेट में हुई पुलिस भर्ती में हिस्सा लिया था। आरोप है कि उस समय मदनलाल पाल ने फर्जी अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र अपनी नौकरी में नियुक्ति के समय प्रतिरूपण से छल कर कूट रचना एवं छल के प्रयोजन से कूट रचना कर कूट रचित दस्तावेजों को अन्य के साथ मिलकर पषडयंत्र पूर्वक असली के रूप में प्रयोग किया। ३४ साल तक फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी की साथ ही पदोन्नत भी हुआ। बुधवार को जांच के दौरान सामने आए साक्ष्य के आधार पर कोतवाली पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है।
अपराध दर्ज किया गया है
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र लगाकर नौकरी हासिल करना भोपाल की छानबीन समिति ने पाया है। प्रधान आरक्षक मदनलाल पाल के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। आगे की जांच और कार्रवाई सिवनी से की जाएगी।
गौरव तिवारी, एसपी छिंदवाड़ा