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छिंदवाड़ा

Pollution: प्रबंधन न होने से चौतरफा कूड़े के ढेर, आसपास के गांवों में फैल रही दुर्गंध

– जामुनझिरी की पहाड़ी पर फैलता शहर का कचरा सुरक्षित पर्यावरण के लिए चुनौती
– आठ माह पहले नगर निगम ने चढ़ाई थी मिट्टी की परत
– निगम के अधिकारी कह रहे- अब कचरे के पहाड़ को समाप्त करने के विकल्प पर बनाया प्रस्ताव

छिंदवाड़ाMay 02, 2024 / 06:04 pm

prabha shankar

Jaminjhiri Plant

Jaminjhiri Plant

Municipal council. जामुनझिरी की पहाड़ी पर फैलता शहरी कचरा सुरक्षित पर्यावरण की दृष्टि से चुनौती बनता जा रहा है। नगर निगम की ओर से आठ माह पहले इस कचरे पर मिट्टी की परत चढ़ाई गई थी। उसके बाद फिर प्रबंधन नहीं हो पाया है। इससे लगातार कूड़े के ढेर से आसपास के गांवों में दुर्गंध फैल रही है। निगम अधिकारी कह रहे हैं कि नए नियम के अनुसार कचरे के पहाड़ को समाप्त करने के विकल्प पर प्रस्ताव बनाया गया है, जिस पर सरकार की अनुमति नहीं मिल पाई है।
नगर निगम के 48 वार्ड से हर दिन करीब 64 टन कचरा निकलता है। इनमें पॉलीथिन, प्लास्टिक, सब्जी, घरेलू मटेरियल समेत अन्य अपशिष्ट पदार्थ सम्मिलित होते हैं। इसके साथ ही मृत जानवर एवं मेडिकल वेस्ट भी होता है। इस कचरे का निपटान अंतिम तौर पर जामुनझिरी कचरा प्लांट में होता रहा है। इस प्लांट में पहाड़ी पर फैलते कचरे को कंट्रोल करने और उसे जमीन में दबाए जाने के नियम से मिट्टी की परत चढ़ाई जाती रही। पिछले आठ माह पहले इसका प्रबंधन किया गया था। उसके बाद यहां प्रतिदिन बढ़ रहे कचरे का ढेर पर दोबारा मिट्टी की परत को नहीं चढ़ाया गया। इससे जिस तरह की परिस्थितियां निर्मित हो रही, उससे यहां एक पर्यावरणीय संकट दिखाई दे रहा है।

जहरीली गैस और बदबू से आसपास के लोग तंगइस इलाके के आसपास रहने वाले लोग हवा में घुलती जहरीली गैस और बदबू से तंग हो गए हैं। उनका जीना मुश्किल हो गया है। नगर निगम की कचरा प्रबंधन की उपेक्षा पूरे क्षेत्र पर भारी पड़ रही है। जबकि इस कचरे का प्रबंधन करने मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियम है, जिनका पालन करने में निगम विफल साबित हुआ है।

स्वच्छता सर्वेक्षण में अंक, नहीं सुधरे तो फिर पीछे


स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में भी कचरा निपटान डम्प साइट को प्राथमिकता से लेते हुए इसके अंक निर्धारित किए गए हैं। वर्ष 2023 की देश भर में एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में छिंदवाड़ा 41 अंक पिछडकऱ 55वें स्थान पर पहुंच गया था। जबकि पिछले साल 2022 में यह रैंकिंग 14 वीं थी। अब भी डम्प साइट का प्रबंधन नहीं सुधारा तो फिर निगम को सबसे नीचे पायदान पर पहुंचना होगा।

निगम का प्रस्ताव… कचरे का पहाड़ समाप्त करना बेहतर विकल्प


नगर निगम के इंजीनियरों का तर्क है कि जामुनझिरी के कचरे के पहाड़ पर पहले मिट्टी की परत लगाई गई थी।
ये समस्या के समाधान का स्थायी विकल्प नहीं है। इसके लिए दूसरे विकल्प रेमिडेयिल्स पर विचार कर प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें कचरे के इस पहाड़ को समाप्त करने की बात कही गई है। प्रस्ताव यह है कि कचरे में उपयोगी सामान निकाला जाए। फिर उसे धीरे-धीरे समाप्त किया जाए। इसका प्रस्ताव स्टेट लेवल टैक्नीकल कमेटी के पास विचाराधीन है। इसमें केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय दिल्ली की अनुमति भी लगेगी। तभी नगर निगम टेंडर कर इस कचरा निपटान की प्रक्रिया को अपनाएगा।

इनका कहना है
जामुनझिरी कचरा प्लांट में कचरा निपटान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियम के मुताबिक हो रहा है या नहीं, इस पर हम निरीक्षण करेंगे। फिर उसके अनुरूप निगम को सुझाव देंगे।
-केएन कटारे, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
जामुनझिरी कचरा प्लांट में कचरा निपटान की लीगेसी विकल्प की प्रक्रिया चल रही है। इस पर जल्द टेंडर कर काम शुरू होगा।
-सीपी राय, आयुक्त नगर निगम

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