पुलिस लाइन से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में ५१ वाहन चालक पुलिस विभाग के पास हैं। ये १२ थानों में तैनात हैं। अधिकारियों के वाहन चलाने वाले चालकों को छोड़ दें तो भी पुलिस लाइन में करीब आधा दर्जन वाहन चालक उपस्थित रहते हैं। इसके बावजूद इनसे जरूरत के समय भी काम नहीं लिया जा रहा है, जिसके चलते पुलिस वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। इसके बाद भी विभागीय स्तर पर किसी प्रकार का सुधार नहीं हो रहा है। कई बार इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं जिसमें पुलिस के वाहन को प्राइवेट चालक के चलाते समय दुर्घटना हुई है। पुलिस के मुताबिक मौजूद वाहन चालक पर्याप्त नहीं है। पुलिस के पास वाहनों की संख्या ७० है।
उमरानाला चौकी क्षेत्र की सिल्लेवानी घाटी पर १० सितम्बर को पुलिस का वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। वाहन में एसएएफ आठवीं बटालियन के जवान सवार थे। सभी जवान पांढुर्ना गोटमार मेले में ड्यूटी पर जा रहे थे। सड़क किनारे की रैलिंग और पेड़ से टकराने के कारण वाहन खाई में गिरने से बच गया। बताया जा रहा है कि सड़क किनारे लगी रैलिंग और पेड़ के कारण बड़ा हादसा होने से टल गया। इस वाहन को भी प्राइवेट चालक चला रहा था। लापरवाही की हद यहां खत्म नहीं होती। जिला मुख्यालय पर भी कुछ थाने एेसे हैं जिनकों प्राइवेट चालक ही चला रहे हैं।