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छिंदवाड़ा

बाजार से लेकर रसोई तक मौसम की मार, जल्द ही सिमट सकता है व्यापार

महंगा पड़ रहा धनिया-मिर्च का तडक़ा, अदरक के दाम भी छू रहे आसमान

छिंदवाड़ाJul 19, 2019 / 01:24 am

prabha shankar

Problems with expensive vegetables

Problems with expensive vegetables

छिंदवाड़ा. दाल और सब्जी में अगर मसालों का तडक़ा न हो तो स्वाद बेमजा हो जाता है, लेकिन आज की तारीख में घर में ये तडक़े नहीं लग रहे, यहां तक कि चटनी बनाने के लिए भी सोचना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए कि तडक़ा और मसाले के लिए उपयोग में लाई जाने वाली हरी मिर्च, हरा धनिया और अदरक के भाव आसमान छू रहे हैं। धनिया इन दिनों थोक बाजार में 250 रुपए किलो से ऊपर बिक रहा है। अदरक के भाव सब्जी की थोक मंडी में 120 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। हरी मिर्च भी 80 से 85 रुपए किलो से नीचे नहीं है। पिछले एक पखवाड़े में दाम ऐसे चढ़े हैं कि लोग इन्हें खरीदने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। ये भाव तो थोक मंडी में हैं। वहां से चलकर बाजारों में लगने वाली सब्जी दुकानों में इनकी कीमत इससे डेढ गुना हो गई है। खुले बाजार में हरा धनिया 350 रुपए, हरी मिर्च 120 रुपए और अदरक 130 से 150 रुपए किलो बिक रहा है। पांच या दस रुपए का तो धनिया देने में सब्जी वाले आनाकानी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अब तो धनिया-मिर्च की चटनी खाना तक महंगा पड़ रहा है।

सब्जी थोक भाव चिल्लर भाव
आलू 10-12 20
प्याज 12-14 20
टमाटर 35-40 50-70
भिंडी 22-25 40
लौकी 15-20 40
अदरक 110-120 130-160
बरबटी 20-25 30 से 40
हरी मिर्च 70-80 120
बैंगन 20 40
फर्रास 60-80 120


सूखे के कारण उत्पादन प्रभावित
जिले में बारिश न होने के कारण जून और जुलाई के दरमियान सब्जी उत्पादन एक दम से नीचे गिरा है। गुरैया स्थित थोक सब्जी मंडी जहां सुबह नौ बजे से देर रात तक सब्जी की खरीद बिक्री के लिए रेलमपेल मची रहती थी, आज वहां सन्नाटे जैसा माहौल है। इन दिनों में खूब बिकने वाली पत्ता गोभी तो आ ही नहीं रही। हरी पत्तेदार सब्जियां गमी और पानी की कमी के कारण खेतों में पीली पड़ गई। छिंदवाड़ा के अलावा बिछुआ मोहखेड़ जिले में मुख्य सब्जी उत्पादक क्षेत्र हैं, लेकिन इस सीजन में किसानों के हाल बेहाल हैं। सब्जी उत्पादक रामलाल सराठे ने बताया कि पूरा धनिया सूख गया, टमाटर के भी बुरे हाल हैं।

सब्जियों की चमक गायब
खेतों से टूटी हुई ताजी सब्जियों को देखकर ही उन्हें खरीदने का मन ललचाता है, लेकिन इस समय पानी की कमी से उनकी चमक गायब है। बाजार में भिंडी, बरबटी, गोभी, लौकी गिलकी आदि सब्जियां दिख रहीं हैं, लेकिन बेहद कम। जो आ रहीं हैं वे पानी की कमी के कारण ताजी नहीं लग रहीं। गुरुवार को सब्जी मंडी में चहल-पहल पहले जैसी नहीं। मंडी कर्मचारियों ने बताया कि ये हालात पिछले पंद्रह दिन से हैं।

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