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छिंदवाड़ा

Public issue: प्रशासन के इंतजाम से आम आदमी तंग, कोरोना के बीच रोने की मजबूरी

तेल, आटा, माचिस के लिए आम आदमी तंग, किराना दुकानें खुलने के नहीं हुए इंतजाम, 2020 के लॉकडाउन के राहत मॉडल को अपनाने को तैयार नहीं आपदा प्रबंधन समिति, सप्ताह में दो दिन गांधीगंज और तीन दिन गली-मोहल्लों की दुकानों को दें अनुमति तो मिल जाए राहत

छिंदवाड़ाMay 06, 2021 / 10:39 am

prabha shankar

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छिंदवाड़ा। कोरोना कफ्र्यू के एक माह से अधिक बीत जाने पर हर घर में आटा, दाल, चावल, तेल, माचिस समेत अन्य जरूरतों का सामान खत्म होने लगा है, लेकिन इन सामानों को लेने के लिए अभी तक थोक व किराना दुकानों को खोलने का सिस्टम नहीं बन पाया है। इसके चलते लोग गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य बाजारों में सामान लेने भटक रहे हैं। आपदा प्रबंधन समिति द्वारा भी इन दुकानों के खोलने का समय निर्धारित नहीं किया गया है।
पिछले आठ अप्रैल से लगाए गए कफ्र्यू में लगाए प्रतिबंध के संशोधित आदेश में दुकानों में सोशल डिस्टेसिंग के पालन के बारे में लिखा हैं, लेकिन दुकानें कैसे खुलेगी, इसका जिक्र नहीं किया गया है। इससे थोक और चिल्लर किराना दुकानदार स्पष्ट आदेश के अभाव में दुकानें नहीं खोल रहे हैं। इन दुकानों के न खुलने से लोग छोटी-छोटी जरूरतों के लिए परेशान हो रहे हैं। उनके घरों का सामान भी समाप्त हो रहा है। इससे आम आदमी का असंतोष प्रशासनिक व्यवस्था के प्रति बढ़ गया है।

गांधीगंज से रुकी किराना सामान की आपूर्ति
गांधीगंज में किराना और अनाज की तमाम थोक दुकानों पर इस समय ताले लगे हुए हैं। इससे फुटकर किराना दुकानों में सामान की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। हर वार्ड और गली-मोहल्लों में मैदानी स्तर पर सुनो तो ये शिकायतें मिल जाएंगी। इससे स्थानीय किराना दुकानदार भी दुकानें खोलने में रुचि नहीं ले रहे हैं।

आटा चक्कियों को खोलने के नहीं दिए आदेश
प्रशासन के प्रतिबंधात्मक आदेश में ऑटा चक्कियों को खोलने के आदेश भी नहीं दिए गए हैं। इससे गेहूं खरीदकर आटा पिसवाने वाले लोगों को भारी परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। किराना दुकानें बंद होने से आटा के पैकेट तक नहीं मिल रहे हैं। सामान्य घरों में यह हालत है तो फिर गरीबों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।

राहत का यह था मॉडल
पिछले साल 2020 के लॉकडाउन के समय सप्ताह में दो दिन गांधीगंज की थोक दुकानें खोलने के आदेश किए गए थे। इससे छोटे किराना व्यवसायियों को सामान मिलता था। उसके बाद वे गली-मोहल्लों की दुकानों में तीन दिन सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए विक्रय करते थे। इस बार ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य तक प्रशासन को कोई सुझाव नहीं दे रहे हैं। सहकारिता मंत्री भी खाद्य पदार्थो के लिए कोई इंतजाम करके नहीं गए हैं।

इनका कहना है
आम जनता को किराना सामग्री में आ रही परेशानी और गांधीगंज न खुलने के सम्बंध में कलेक्टर से चर्चा की जाएगी। इस समस्या का हल निकालने का हम प्रयास करेंगे।
-विवेक बंटी साहू, भाजपा जिलाध्यक्ष एवं आपदा प्रबंधन समिति सदस्य

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