छिंदवाड़ा

Railway: 13 सौ करोड़ रुपए की रेल परियोजना को लगा ग्रहण, यह है वजह

बजट के अभाव में छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट रेल परियोजना दम तोड़ रही है।

छिंदवाड़ाNov 13, 2019 / 11:44 am

ashish mishra

Railway: 13 सौ करोड़ रुपए की रेल परियोजना को लगा ग्रहण, यह है वजह

छिंदवाड़ा. बजट के अभाव में छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट रेल परियोजना दम तोड़ रही है। पहले इस परियोजना को मार्च 2020 में पूरा करने का लक्ष्य बनाया गया था, लेकिन अब कितना विलंब होगा यह कह पाना मुश्किल है। ऐसे में छिंदवाड़ा से जबलपुर तक सीधे ट्रेन सुविधा की राह देख रहे लोगों को अब लगभग एक साल या फिर उससे अधिक इंतजार करना होगा। गौरतलब है कि जबलपुर से नैनपुर तक रेलमार्ग का कार्य पूरा हो चुका है। इस रेलमार्ग पर ट्रेन का परिचालन भी किया जा रहा है। जबकि नैनपुर से छिंदवाड़ा तक गेज कन्वर्जन विभाग द्वारा चार खंडों में कार्य किया जा रहा है। इसमें पहला खंड छिंदवाड़ा से काराबोह(लगभग 35 किमी), दूसरा खंड पलारी से नैनपुर(लगभग 36 किमी), तीसरा खंड सिवनी से पलारी(लगभग 35 किमी), चौथा खंड काराबोह से सिवनी(लगभग 30 किमी) तक है। चारों ही खंड में रेलमार्ग का कार्य गेज कन्वर्जन विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया से अगल-अलग निर्माण एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है। तीन खंड के कार्य तो संतोषजनक है, लेकिन काराबोह से सिवनी तक का कार्य अभी भी काफी शेष है। गेज कन्वर्जन विभाग के अधिकारियों के अनुसार किन्ही कारण से इस खंड में निर्माण एजेंसी को बदलना पड़ा था। ऐसे में दूसरी बार टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई है। इस बीच बारिश एवं त्योहार भी पड़ गए। दूसरी निर्माण एजेंसी अब काराबोह से सिवनी के बीच कार्य कर रही है।

रेल बजट ने तोड़ी थी आस
गेज कन्वर्जन विभाग ने जून 2019 में छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट रेल परियोजना के लिए बजट की डिमांड की थी। गेज कन्वर्जन विभाग को उम्मीद थी कि रेल बजट में इस परियोजना के प्रर्याप्त बजट मिलेगा, लेकिन 5 जुलाई को केन्द्रीय वित्ती मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए रेल बजट में इस परियोजना के लिए बजट नहीं मिला। ऐसे में गेज कन्वर्जन विभाग के उम्मीदें मंद पड़ गई। बजट के अभाव में कार्य की गति काफी धीमे हो चुकी है।

रेल परियोजना के देरी में यह भी कारण आ रहे सामने
रेलवे के अधिकारी कार्यों के विलंब होने में टेंडर लेने वाली कंपनी द्वारा सही कार्य नहीं करने या उसके भाग जाने एवं जिला प्रशासन से उचित सहयोग नहीं मिलने की बात करते हैं। इसमें सच्चाई क्या है? यह तो जब संबंधित आमने-सामने होंगे तब ही पता चलेगा। बहरहाल, इस सब में नुकसान जिलेवासियों का हो रहा है। रेलवे के चल रहे ब्रॉडगेज के कार्यों पर नजर डाले तो सिवनी स्टेशन यार्ड सहित अन्य कार्य पहले निर्माणदायी कंपनी डी ठक्कर के पास था, लेकिन उसके कार्य नहीं कर पाने से अब इसे बालाघाट की रायसेन कंपनी को दे दिया गया है। इस कार्य की गति अभी तक संतोषजनक नहीं है। करीब डेढ़ वर्षों से रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग बना रही त्रिशूल कंपनी का कार्य भी रेलवे के अधिकारियों को संतोषजनक नहीं लग रहा है। यह कार्य कुछ दिन चलने के बाद बंद हो जाता है। सोमवार को भी सिवनी रेलवे स्टेशन की बिल्डिंक का कार्य बंद था। विगत दिनों जिले के समाजसेवियों ने इस स्थिति पर आक्रोश व्यक्त किया तो रेलवे अधिकारियों के कड़ाई करने पर कार्य की गति तेज हुई, लेकिन अब फिर रफ्तार थम गई है।

265 करोड़ रुपए की डिमांड
गेज कन्वर्जन विभाग के उप मुख्य अभियंता मनीष लावनकर के अनुसार छिंदवाड़ा-नैनपुर फोर्ट परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 13 सौ करोड़ रुपए है। अब तक इस परियोजना में 550 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। वर्तमान परिदृश्य में शेष कार्यों के लिए लगभग 865 करोड़ रुपए की और जरूरत होगी। रेलवे बोर्ड द्वारा नवंबर माह में रिवाइज बजट मांगा गया था। गेज कन्वर्जन विभाग ने 265 करोड़ रुपए की डिमांड की है। यह बजट नवंबर माह में ही मिलना है। इसके बाद ही कार्यों की गति बढ़ पाएगी।

जून में चल सकती है पहले खंड पर ट्रेन
गेज कन्वर्जन विभाग ने छिंदवाड़ा से नैनपुर तक चार खंड में ब्राडगेज रेल परियोजना पूरा करने का लक्ष्य रखा है। अधिकारियों के अनुसार जून 2020 तक पहला खंड छिंदवाड़ा से काराबोह रेलमार्ग पूरा कर लिया जाएगा। इस खंड में लगभग 70 प्रतिशत कार्य हो चुका है। अधिकारियों की मानें तो जून 2020 तक इस खंड में रेल का परिचालन भी संभव है। पहला खंड पूरा होने के बाद गेज कन्वर्जन विभाग दूसरा खंड पलारी से नैनपुर रेलमार्ग के कार्यों को पूरा करेगी। अधिकारियों के अनुसार इस खंड पर भी 65 प्रतिशत कार्य हो चुका है। इस खंड को भी जून 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके पश्चात तीसरे खंड में सिवनी से पलारी एवं चौथे खंड में काराबोह से सिवनी तक रेलमार्ग के कार्य पूरे करने के बाद ट्रेन का परिचालन किया जाएगा।
फैक्ट फाइल
छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट परियोजना की अनुमानित लागत-लगभग 13 सौ करोड़ रुपए।
अब तक खर्च-550 करोड़ रुपए
कुल जरूरत-865 करोड़ रुपए
नवंबर माह में डिमांड-265 करोड़ रुपए


नवंबर में मिलना है बजट
छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट रेल परियोजना को पूरा करने का अनुमानित लागत लगभग 13 सौ करोड़ रुपए है। इस परियोजना में अब तक 550 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। 865 करोड़ रुपए की और जरूरत पड़ेगी। नवंबर माह में रिवाइज बजट के अंतर्गत 265 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। लक्ष्य के अनुसार पहला खंड छिंदवाड़ा से काराबोह तक रेलमार्ग का कार्य जून 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा।
मनीष लावनकर, उप मुख्य अभियंता गेज कनवर्जन विभाग छिंदवाड़ा
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