छिंदवाड़ा

Railway: 1420 करोड़ की रेलमार्ग परियोजना इस वजह से नहीं हो पा रही पूरी, पढि़ए पूरी खबर

कोरोना वायरस की वजह से सीआरएस के कई कार्य पेंडिंग में है।

छिंदवाड़ाJul 16, 2020 / 12:17 pm

ashish mishra

Railway: 1420 करोड़ की रेलमार्ग परियोजना इस वजह से नहीं हो पा रही पूरी, पढि़ए पूरी खबर


छिंदवाड़ा. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत 1420 करोड़ की छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना में अंतिम खंड भंडारकुंड से भिमालगोंदी तक रेलमार्ग एवं इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य पूरा होने के बावजूद भी अभी कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी(सीआरएस) के निरीक्षण की तिथि निर्धारित नहीं हो पाई है। बताया जाता है कि कोरोना वायरस की वजह से सीआरएस के कई कार्य पेंडिंग में है। सीआरएस का शेड्यूल बिजी होने से भंडारकुंड से भिमालगोंदी तक रेलमार्ग एवं इलेक्ट्रिफिकेशन के कार्यों के निरीक्षण की तिथि निर्धारित नहीं हो पा रही है। उन्होंने जुलाई माह में निरीक्षण से इंकार भी कर दिया है। गौरतलब है कि गेज कन्वर्जन विभाग ने घाट सेक्शन भंडारकुंड से भिमालगोंदी तक कुल 20 किमी रेलमार्ग का कार्य मई माह में वहीं आरबीएनएल ने इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य जुन माह में पूरा कर लिया था। एक जुलाई को आरबीएनएल ने इलेक्ट्रिक इंजन से45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रायल भी किया था। जिसमें कोई खामी नहीं मिली थी। बता दें कि छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना में रेलमार्ग और विद्युत कार्य चार खंडों में किया गया है। इसमें पहला खंड छिंदवाड़ा से भंडारकुंड, दूसरा खंड इतवारी से केलोद, तीसरा खंड केलोद से भिमालगोंदी और चौथा खंड भंडारकुंड से भिमालगोंदी का है। तीन खंड में विद्युतिकरण एवं रेलमार्ग का कार्य पूरा हो चुका है और सीआरएस के अप्रूवल के बाद इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का परिचालन भी किया जा रहा है। वहीं अंतिम खंड भंडारकुंड से भिमालगोंदी कुल 20 किमी रेलमार्ग घाट सेक्शन में है। इस सेक्शन में रेलमार्ग का कार्य भी पूरा हो चुका है। हालांकि अभी सीआरएस का निरीक्षण नहीं हुआ है।
अब आगे क्या
गेज कन्वर्जन विभाग लगातार निरीक्षण के लिए सीआरएस के संपर्क कर रहा है। बताया जाता है कि सीआरएस ने जुलाई माह में निरीक्षण करने से इंकार कर दिया है। अब सबकुछ ठीक ठाक रहा तो संभवत: अगस्त माह में ही सीआरएस भंडारकुंड से भिमालगोंदी तक बनाए गए नए रेलमार्ग एवं इलेक्ट्रिफिकेशन के कार्यों का निरीक्षण करेंगे। सीआरएस कार्यों से संतुष्ट हुए तो ट्रेन परिचालन की अनुमति देंगे। इसके बाद दपूमरे रेलवे बोर्ड से अनुमति लेकर आगे की कार्रवाई करेगी।
नवंबर में रेलमार्ग का हुआ था ट्रायल
भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच बनाए गए नए रेलमार्ग का भी गेज कन्वर्जन विभाग द्वारा डीजल इंजन के साथ लगी ओएमएस वैगन से 21 नवंबर 2019 को 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रायल किया गया था। ओएमएस वैगन एक ऐसी आधुनिक तकनीक से सुसज्जित है जो रेलगार्म पर किसी भी खामी को पहचान लेती है। निरीक्षण में ओएमएस ने शुन्य खामी(जर्क) बताई थी। हालांकि रेलमार्ग के स्पीड ट्रायल होने के बाद कोई खामी न रहने के बावजूद भी सीआरएस ने गेज कन्वर्जन विभाग के कुछ कार्यों पर सवाल उठा दिए थे। जिसके बाद सीआरएस का निरीक्षण भी टल गया था।
इनका कहना है…

कोरोना वायरस की वजह से सीआरएस के कई काम पेंडिंग हैं। हम सीआरएस कार्यालय के संपर्क में है। हालांकि सीआरएस ने जुलाई माह में निरीक्षण के लिए इंकार कर दिया है। अब अगस्त माह में ही सीआरएस के निरीक्षण की तिथि निर्धारित हो पाएगी।
एचपी त्रिपाठी, सीई, गेज कन्वर्जन विभाग
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