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छिंदवाड़ा

मुख्यमंत्री के गृह जिले में रेलवे की क्या है मंशा, वर्षों से एक एक्सप्रेस ट्रेन और यह 13 समस्या

ट्रेन में यात्रा करना हर किसी के लिए सुलभ और सुखद रहता है।

छिंदवाड़ाOct 26, 2019 / 11:38 am

ashish mishra

मुख्यमंत्री के गृह जिले में रेलवे की क्या है मंशा, वर्षों से एक एक्सप्रेस ट्रेन और यह 13 समस्या

मुख्यमंत्री के गृह जिले में रेलवे की क्या है मंशा, वर्षों से एक एक्सप्रेस ट्रेन और यह 13 समस्या

छिंदवाड़ा. ट्रेन में यात्रा करना हर किसी के लिए सुलभ और सुखद रहता है। यही वजह है कि पूरे देश में रेलवे स्टेशन में सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। आधुनिकरण के कार्य किए जा रहे हैं। रेलवे की मंशा देश के हर कोने में दिखती है, लेकिन इस मामले में छिंदवाड़ा पिछड़ता जा रहा है। हम अभी भी देश के विभिन्न कोने से कनेक्ट नहीं हो पाए हैं। वर्ष 2009में हमें छिंदवाड़ा से दिल्ली तक पातालकोट एक्सप्रेस की सौगात मिली, लेकिन दस वर्ष बाद भी हम इसी सौगात के सहारे चल रहे हैं। छत्तीसगढ़ कोच की समस्या किसी से छुपी नहीं है। दिन में आमला, बोरदई तक पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन तो किया जा रहा है, लेकिन वह भी खानापूर्ति के लिए। इसके अलावा पेंचवैली फास्ट पैसेंजर को सुबह 4.45 बजे छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक परिचालन करने का निर्णय समझ से परे है। इन सभी के अलावा अगर सुविधाओं की बात करें तो मॉडल रेलवे स्टेशन केवल नाम का ही दिखता है। जबकि सुविधाएं यात्रियों से कोसो दूर हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ मॉडल रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने जा रहे हैं। ऐसे में छिंदवाड़ावासियों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। यात्रियों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री रेल अधिकारियों से चर्चा कर समस्या को दूर कराएंगे।

आखिर क्यों भंडारकुंड जाती है 15 बोगी की ट्रेन
छिंदवाड़ा से नागपुर गेज कन्वर्जन का पहला खंड छिंदवाड़ा से भडारकुंड कुल 35 किमी रेलमार्ग का कार्य पूरा होन के बाद जनवरी 2018 से ट्रेन का परिचालन शुरु किया गया। रेलवे ने निर्णय लिया की पेंचवैली फास्ट पैसेंजर को ही भंडारकुंड भेजा जाएगा। यह ट्रेन वर्ष 2018 से प्रतिदिन सुबह 4.45 बजे छिंदवाड़ा से भंडारकुंड जा रही है और वापस सुबह 6.25 बजे भंडारकुंड से बैतूल के लिए रवाना की जाती है। लगभग दो वर्ष बाद भी इस ट्रेन में प्रतिदिन दस से पन्द्रह यात्री ही छिंदवाड़ा से भंडारकुंड के बीच यात्रा करते हैं। जबकि यहां जरूरत है पांच बोगी की ट्रेन की जो दिन में चार से पांच फेरे लगाए, लेकिन जनप्रतिनिधियों की आवाज न उठाने से रेल अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
पातालकोट एक्सप्रेस में पेन्ट्री कार की दरकार
पातालकोट एक्सप्रेस को वर्ष 2009 से छिंदवाड़ा से दिल्ली तक परिचालन किया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि इतनी लंबी दूरी की ट्रेन होने के बावजूद भी अब तक इसमें पेन्ट्री कार की सुविधा नहीं हो पाई। दस वर्ष बाद भी यात्री इस ट्रेन में पेन्ट्री कार की सुविधा से मरहुम है।

सौ साल से जर्जर क्वार्टस में रह रहे रेलवे कर्मचारी
छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन के आसपास रेलवे कर्मचारियों के लिए नैरोगेज के समय से ही रेलवे क्वार्टस बनाए गए हैं। यह क्वाटर्स 100 साल से अधिक पूराने है। हर वर्ष थोड़ी बहुत मेटनेंस कर इतिश्री की जा रही है। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है। इसके अलावा रेलवे कॉलोनियों में सडक़ें खस्ताहाल है।
हर ट्रेन के लिए तीन बार बंद किया जाता है चार फाटक
शटिंग की वजह से चार फाटक को हर ट्रेन के लिए तीन बार बंद किया जाता है। ऐसे में सडक़ मार्ग से चलने वाले यात्रियों को चार फाटक बंद होने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह तकनीकी खामी जल्द से जल्द दूर करनी होगी।

भोपाल तक चले इंटरसिटी एक्सप्रेस
छिंदवाड़ा से भोपाल रेलमार्ग पर अब इंटरसिटी एक्सप्रेस की मांग उठने लगी है। यात्रियों का कहना है कि एकमात्र ट्रेन पातालकोट एक्सप्रेस है। जबकि यह रेलमार्ग पूरा खाली रहता है। रेलवे अरबों रुपए मेंटनेंस में खर्च कर रही है। रेलवे को इस मार्ग पर इंटरसिटी एक्सप्रेस चलाना चाहिए।

तीसरी निगाह से दूर है मॉडल रेलवे स्टेशन
मॉडल रेलवे स्टेशन में सफाई की दृष्टि से आठ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जबकि सुरक्षा के लिहाज से एक भी कैमरे मौजूद नहीं है। ऐसे में स्टेशन की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है।

एक्सप्रेस परासिया में क्यों एक घंटे रहती है खड़ी
पातालकोट एक्सप्रेस लगभग हर दिन सुबह परासिया रेलवे स्टेशन में एक घंटे रूकी रहती है। ऐसे में एक्सप्रेस के छिंदवाड़ा पहुंचने और इसे वापस दिल्ली सराय रोहिल्ला रवाना करने के समय में 25 मिनट का समय रहता है। इस समय में ही छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन पर पातालकोट एक्सप्रेस में यात्री उतरते और चढ़ते हैं। ऐसे में साफ-सफाई को लेकर भी स्टेशन प्रबंधन को व्यवस्था बनाने में परेशानी होती है। रेलवे विशेषज्ञों के अनुसार हर लंबी दूरी की ट्रेन में रिकवरिंग टाइम दिया जाता है, लेकिन इसकी आवश्यकता पातालकोट एक्सप्रेस में नहीं दिख रही। अगर छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस जल्द आ जाए तो एक्सप्रेस में सफाई व्यवस्था बनाने के लिए समय मिल जाएगा।
पिट लाइन न होने से रद्द हो जाती हैं ट्रेनें
बीते एक वर्ष में हौशंगाबाद रेलवे स्टेशन एवं झांसी रेलवे स्टेशन में कार्य के चलते पेंचवैली फास्ट पैसेंजर एवं पातालकोट एक्सप्रेस को लगभग दो हफ्ते के लिए रद्द कर दिया गया। ऐसे में छिंदवाड़ा स्टेशन में पिट लाइन सुविधा की जरूरत है। रेलवे से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि अगर छिंदवाड़ा में पिट लाइन की सुविधा होगी तो ट्रेनें को जहां तक संभव होगी वहां तक परिचालन करेंगी।
मॉडल रेलवे स्टेशन में यह समस्या जो होनी चाहिए दूर

– जर्जर हालत में रेलवे क्वाटर्स
– पातालकोट एक्सप्रेस में पेन्ट्री कार की दरकार
– कोच गाइडेंस डिस्प्ले बोर्ड की जरूरत
– छिंदवाड़ा से भोपाल इंटरसिटी एक्सप्रेस की जरूरत
– छिंदवाड़ा से भंडारकुंड चलानी होगी पांच बोगी की ट्रेन जो दिन में लगाए चार फेरे
– सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे की जरूरत
– स्टेशन में होती है सफाई, ट्रेनों में रहती है गंदगी
– परासिया स्टेशन पर एक घंटे प्रतिदिन खड़ी रहती है पातालकोट एक्सप्रेस
-पिट लाइन न होने से आए दिन ट्रेनें हो जाती है रद्द,
– एक माह से नहीं आ रही छत्तीसगढ़ कोच, हर दिन 72 यात्री होते हैं परेशान
– स्टेशन पर वाई-फाई सुविधा आए दिन हो जाती है बंद
– वाटर मशीन अब तक नहीं लग पाई।
-शटिंग के कारण चार फाटक बार-बार होता है बंद

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