तीन साल पहले शुरुआत हरे कृष्णा एक्सपोर्ट्स के मालिक सावजीभाई ने 2013 में इस ट्रेंड की शुरुआत की थी, जब उन्होंने अपने 1260 कर्मचारियों को गाड़ी गिफ्ट में दी थी। कर्मचारियों को बोनस के रूप में 400 फ्लैट्स भी दिए गए। नए साल के बोनस के रूप में कुल 1200 डेटसन रेडी देने का एलान किया और डेटसन की ओर से एक दिन में ही 650 गाडिय़ों को डिलिवरी कर दी है। गिफ्ट की गई गाडिय़ों के चारों ओर तिरंगे रंग के रंगों से कवर किया गया है।
कंपनी छोड़ी तो ईएमआई बंद हालांकि ढोलकिया ने सभी गाडिय़ों को 5 साल के लोन पर खरीदा है, कोई भी कर्मचारी इन 5 वर्ष में कंपनी को छोड़ता है, तो कंपनी उसकी गाड़ी की ईएमआई देनी बंद कर देगी।
12.50 रुपए लेकर आए थे सावजीभाई वैसे तो सूरत और सौराष्ट्र में सवजीकाका के नाम से जाने जाते हैं। गुजरात के दुधाला गांव के रहने वाले सवजीभाई 1977 में 12.50 रुपए लेकर अमरेली से सूरत आए थे। सूरत में सवजीभाई ने 1977 में बतौर हीराधीश अपनी जिंदगी की शुरुआत की और उस समय महीने में उन्हें 169 रुपए पगार के तौर पर मिलते थे। जिस कंपनी में वो काम करते थे, उसी कंपनी के मालिक बन गए हैं। उनकी हीरा और टेक्सटाइल की इंडसट्रीज हैं और तकरीबन 5500 से ज्यादा कर्मचारी यहां काम करते हैं।