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छिंदवाड़ा

लोहे के बेरिकेट्स से जान का खतरा

रेल विभाग का इस ओर ध्यान नहीं

छिंदवाड़ाMar 05, 2019 / 04:54 pm

sunil lakhera

Risk of life from iron barrets

लोहे के बेरिकेट्स से जान का खतरा

परासिया. शहर के भीतर से जाने वाले भोपाल मार्ग पर रेल अंडर ब्रिज के नीचे लगाए गए भारी भरकम लोहे के हाइगेज बेरिकेटस से लोगों कीजान को खतरा नजर आ रहा है, लेकिन रेल विभाग का इस ओर ध्यान नहीं है।
भारी वाहनों से अंडर ब्रिज को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए दोनों तरफ लोहे के हाइगेज बैरिकेटस लगाए गए हैं। भारी वाहनों की टक्कर से और दुर्घटनाओं के कारण लोहे के बैरिकेटस क्षतिग्रस्त हो गए हैं और खतरनाक तरीके से सडक़ के किनारे आ गए हैं। इसमें परासिया थाना की तरफ का एक बैरिकेट तो सडक के बीच में झूल रहा है जिससे रात के अंधेरे में ववाहनों के टकराने की आशंका बनी रहती है।
बेरिकेटस को लगाने को लेकर कई बार आंदोलन हुए और एक बार प्रशासन को कड़ा रुख भी अपनाना पड़ा. तत्कालीन एसडीएम अभिषेक सिंह ने रेल्वे की लापरवाही पर उनके इंजिनियर को बांड ओवर किया था इसके बाद नगर पालिका एवं रेल विभाग के सहयोग से तत्काल बेरिकेटस लगाए गए थे।
इस समय बाइपास का निर्माण नहीं हुआ था और अंडर ब्रिज से निकलने के प्रयास में कई बार भारी वाहन पुल के नीचे फंस जाते थे जिससे यातायात बाधित रहता था। इसलिए बेरिकेटस लगाकर भारी वाहनों को पुल से निकलने नहीं दिया जाता था। वहीं कांग्रेस ने जल्द सुधार की मांग की है।
आंदोलन की चेतावनी
कांग्रेस प्रवक्ता वीरबहादुर ङ्क्षसह ने बताया कि बेरिकेटस और पुल के नीचे पानी निकासी व्यवस्था को लेकर कई बडे आंदोलन किए गये इसके बाद रेल्वे ने कार्यवाही की लेकिन रख रखाव नहीं करने के कारण समस्या पहले जैसी बन गई है। लोहे के बड़े गाडर सडक पर झूल रहे है, वहीं हल्की बारिश में पुल के नीचे पानी जमा होने से वाहन चालकों को भी परेशानियों का सामना करना पडता है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में कई बार रेल विभाग तथा नगर पालिका का ध्यान दिलाया गया, लेकिन दोनों विभाग एक दूसरे की जवाबदारी बताकर अपना पल्ला झाड़ लेते है।

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