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छिंदवाड़ा

ठंड में सूख गई नदियां

इस दौरान नगर की पेयजल आपूर्ति कुओं व नलकूपों के भरोसे होगी। गर्मी आते आते यदि ये सूखें की भेंट चढ़ गए तो मुश्किलें आम से खास हो जाएगी

छिंदवाड़ाNov 15, 2017 / 05:22 pm

arun garhewal

No rainfall in Chhindwara district

No rainfall in Chhindwara district

छिंदवाड़ा. पांढुर्ना. 6 नवंबर से शुरू हुई एक दिन के अंतराल में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था दस दिनों में ही लडख़ड़ाते दिखाई देने लगी है। एक ओर जहां नागरिक एक दिन के अंतराल में पानी मिलने से खुश नहीं है वहीं नगर पालिका के लिए फिर से एक बार एक दिन के अंतराल में पानी की आपूर्ति करना आने वाले दिनों में टेढ़ी खीर साबित हो सकती है। इसकी मुख्य वजह घनपेठ और उमरी में बारिश का जमा पानी खत्म होना है।
इन दोनों स्थानों के पानी को लिफ्ट कर के जुनेवानी जलाशय में पहुंचाया गया है। जहां अभी दो माह का पानी जमा है। इस दौरान नगर की पेयजल आपूर्ति कुओं व नलकूपों के भरोसे होगी। गर्मी आते आते यदि ये सूखें की भेंट चढ़ गए तो मुश्किलें आम से खास हो जाएगी
एक दिन के अंतराल में आ रहा कम पानी : एक दिन के अंतराल में पेयजल आपूर्ति की नपा की सौगात नागरिकों को रास नहीं आ रही है। दरअसल इस व्यवस्था में नागरिकों को कम पानी मिल रहा है। नपा के कर्मचारी भी दबी जुबान से यह स्वीकार कर रहे है कि दो दिन के अंतराल में भरपूर पानी मिला करता था। लोग उन्हें भी इस बात को लेकर टोक रहे है। कैबिनेट की बैठक में कामठीकलां की आखिरी आस खत्म: कैबिनेट की बैठक में कामठीकलां जलाशय की फाइनल रखा जाना था जिसमें इसके रेट को मंजूरी मिल जाती परंतु सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस विषय का प्रस्ताव नहीं रखा गया है जिससे जलाशय की आखिरी आस भी खत्म हो चुकी है। बैठक में चौरई विधायक पं. रमेश दुबे पांढुर्ना के भाजपा पदाधिकारियों के मुकाबले आगे निकल गए। उन्होंने अपने विधानसभा के पेंच पुनर्वास में शामिल ग्रामीणों के लिए विशेष पैकेज हासिल करने में सफलता हासिल कर ली है।
एससी में शामिल करने निकाली रैली
पांढुर्ना. सेन अर्थात नाभिक समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर मंगलवार को श्री संत सेनाजी महाराज नाभिक समाज संगठन ने एकत्रित होकर आंदोलन किया। रैली निकालकर मुख्यमंत्री से वादा पूरा करने की मांग की साथ ही राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर समाज को अनुसूचित जाति में शामिल की मांग की।
समाज के अध्यक्ष संजय धानोरकर ने बताया कि 23 मार्च 2007 को सेन समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए विधानसभा में संकल्प पारित किया है। इसके बाद 19 जनवरी 2011 में मुख्यमंत्री शिवराज वराज सिंह चौहान ने सेन महाकुंभ में और 29 फरवरी 2013 में आयोजित केश शिल्पी पंचायत में प्रदेश के सेन समाज को संबोधित करते हुए अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा किया था। इसके बावजूद आज तक इन घोषणाओं पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई है। यदि समाज को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाता है तो समाज के पिछड़े और गरीब वर्गों को आगे बढऩे का मौका मिलेगा। इस मौके पर विनोद मानकर, विवेक मानकर, रामदास अतकरे, गुलाबराव मानकर, मधुकर निंबुलकर, गुलशन राउत, कृष्णा बाबुलकर, सचिन पानबुड़े, किरण पानबुड़े, दिनकर दहेनकर, अंकुश पानबुड़े आदि उपस्थित थे।

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