गांवों से बदतर शहरी क्षेत्र का रास्ते
चौरई रोड नई आबादी क्षेत्र की है टूटी सडक़ों में तब्दील सडक़ परेशानी का सबब बनती जा रही है।
छिंदवाड़ा/अमरवाड़ा / नगर की गलियों को हाल देखकर सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है कि ये गांव नहीं अमरवाड़ा की गलियां हैं। हाल ही में यह मामला स्थानीय एसडीएम एमआर धुर्वे के संज्ञान में लाया गया है।
नगर के वार्ड क्र. 14 और 15 की समस्या ऐसी है कि जहां से अधिकारी भी अनजान थे। चौरई रोड पर स्थित एकलव्य कम्प्यूटर कॉलेज के बाजू से ज्ञानदीप विद्यालय को जाने वाले रास्ते के दोनों तरफ आवासीय क्षेत्र विकसित हो रहा है। इस रास्ते से निकलने वाले बच्चों की परेशानी बरसात के दिनों में सबसे ज्यादा बढ़ जाती है। यही स्थिति चौरई रोड नई आबादी क्षेत्र की है टूटी सडक़ों में तब्दील सडक़ परेशानी का सबब बनती जा रही है। इन्हीं मार्गो से जनप्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारी निकलते हैं, लेकिन उन्हें शायद टूटी फूटी गड्ढे वाली सडक़ नजर नहीं आती है। स्थानीय लोगों ने गुरुवार को इस संबंध में अमरवाड़ा एसडीएम एमआर धुर्वे से चर्चा कर ध्यानाकर्षण कराया कराया। लोगों ने कहा वे निकाय के चुनाव के दौरान चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
उमरानाला/ समीपस्थ ग्राम घोगरी से नोंनिछापर पहुंच मार्ग वर्षा के दिनों में पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो चुका है। इस मार्ग से रोजाना करीब सैकड़ों लोग आवागमन करते हैं। यह मार्ग ग्राम पंचायत तंसरामाल के वार्ड क्र. 16 में आता है और बारिश में यह परेशानी बन जाता है। ग्राम के फग्गू डोंगरे क्षेत्रीय सेवादल, मंकर मसकोले, सुनील राजनकर, लेखराम उइके, अजाबराव गागड़े, लखनलाल डोंगेर व ग्रामीणों ने परेशानी बताई।
ग्रामीणों ने बताया कि यह मार्ग बरसात के दिनों में कीचड़ में तब्दील हो जाता है। ऐसे में रोजाना स्कूल कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राएं हों या फिर ग्रामीण तथा किसी मरीज को इस मार्ग से अस्पताल ले जाना हो तो परेशानी का सामना करना पड़ता है।
हाल ही में क्षेत्रीय विधायक विजय चौरे से भी ग्रामीणों ने सडक़ निर्माण की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि सडक़ पर दलदल होने कि वजह से मरीज को अस्पताल समय पर नहीं पहुंचा सकते हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि समस्या का समाधान नहीं किया तो आगामी चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
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