दस किसानों को लाभान्वित करने का नियम
प्रमुख सचिव के आदेश के अनुसार खेत-सुदूर सड़क में ऐसे स्थल का चयन करना होगा, जहां कम से कम दस किसानों को इसका लाभ मिले। एक ग्राम पंचायत में केवल एक खेत-सुदूर सड़क का कार्य किया जाएगा। पंचायत में एक से अधिक सड़क बनाने की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव का परीक्षण कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवाएं करेंगे। फिर जिला पंचायत सीइओ के माध्यम से मप्र राज्य मनरेगा परिषद भोपाल को प्रस्ताव प्रेषित कर स्वीकृति प्राप्त की जाएगी। फिर आगे तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही होगी।
मुख्यमंत्री के समक्ष उठा था मुद्दा
पिछले माह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरपंच सम्मेलन बुलाया था। जिसमें सरपंचों ने सीएम के सामने सुदूर-खेत सड़क बनाने की अनुमति न मिलने का मुद्दा उठाया था। इसके साथ ही पंचायतों को 25 लाख रुपए के निर्माण कार्य की अनुमति देने की भी मांग की थी। इसके बाद सीएम ने इसकी घोषणा की थी। इस घोषणा के परिपेक्ष्य में प्रमुख सचिव और मनरेगा आयुक्त ने एक फरवरी को इसके आदेश जारी किए।
दो साल अंधाधुंध सड़क बनने पर लगी थी रोक
जिला पंचायत कर्मियों की मानें तो दो साल पहले 2020-21 में पूरे प्रदेश में मनरेगा से सुदूर एवं खेत सड़क निर्माण की बाढ़ आ गई थी। इससे मनरेगा में मटेरियल पर राशि अधिक खर्च होने से इसका अनुपात बिगड़ गया था। इसे देखते हुए सरकार ने मनरेगा योजना से सडक़ को बाहर कर दिया था।
इनका कहना है
खेत-सुदूर सड़क निर्माण की अनुमति का पत्र जिला पंचायत में प्राप्त हो गया है। इसके साथ ही पंचायतों को 25 लाख रुपए तक निर्माण कार्य की एजेंसी बनाया जा सकेगा। इस पर मनरेगा की शर्त एवं नियम के साथ कार्य होगा।
-निशांत सिक्केवाल, मनरेगा परियोजना अधिकारी