चौरई. जगतजननी राजराजेश्वरी मां भगवती के 35वें पाटोत्सव के अवसर पर शनिवार को जगतगुरु
ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी
स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का चौरई आगमन हुआ। जगतगुरु के आगमन पर बडी संख्या में मौजूद जनसमूह ने सिवनी मार्ग पर ही स्वागत किया। इसके बाद मां भगवती के रथ के पीछे जगतगुरु के रथ को लेकर शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्ग से होती हुई दशहरा मैदान पहुंची।
दशहरा मैदान में विधायक पं. रमेश दुबे, पूर्व विधायक चौधरी गंभीर सिंह और सेवकराम शास्त्री ने पादुका पूजन किया। इसके बाद जगतगुरु के प्रवचन हुए जगतगुरु महाराज ने बताया कि चौरासी लाख योनियों में मनुष्य को श्रेष्ठ माना गया है जब हम अच्छे कर्म करते हैं तो आत्मा को संतुष्टि और मन को शान्ति मिलती है।
मनुष्य को धर्म के कार्य लगातार करते रहना चाहिए क्योंकि इस जन्म में किए गए धर्मकर्म ही अगले जन्म का मार्ग तय करते हैं। आत्मा अमर है आत्मा जब देह का त्याग करती है तो हमारे द्वारा किए गए धर्म कर्म ही तय करते हैं कि उसका प्रवेश कहां होगा। हम यदि राम को जपेंगे तो हमारे भाव भी राम की तरह होंगे इसके अतिरिक्त जगतगुरु ने कहा कि हमारे धर्म और संस्कृति को नष्ट करने के लिए कुछ संगठन सक्रिय होकर काम कर रहे हैं। हमारी धार्मिक विरासत के खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है। धर्म की रक्षा के लिए हमें तत्पर रहना होगा इसलिए हमने हिंगलाज सेना का गठन किया है। कार्यक्रम में दूरदराज क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित हुए। जगतगुरु के आगमन से पूर्व कार्यक्रम में पहुंचे अन्य संत विद्वानों ने भी मंच से उपस्थित लोगों को धर्म की रक्षा का सन्देश दिया ।
प्रवचन में साईं की चर्चा: जगतगुरु शंकराचार्य ने अपने प्रवचनों में शिरडी के साईं बाबा की भी चर्चा करते हुए कहा कि मैं साईं और मंदिर संस्थान का विरोध करता हूं। कारण भी बहुत स्पष्ट है कि साईं मंदिरों से जब मक्का मदीना जाने वालों को सहयोग मिलता है तो केदारनाथ आपदा में प्रभावित लोगों को ये आगे आकर सहयोग क्यों नही करते जगतगुरु ने लातूर की जल समस्या को लेकर भी साईं मंदिर संस्थान पर निशाना साधते हुए अपनी बात रखी इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब चेचक की बीमारी आती है तो साँई नही माँ दुर्गा रक्षा करती हैं इसलिए हर गाँव में माता का मंदिर बना है ।
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