इनका कहना है
इस सम्बंध में विभागीय अधिकारियों से कई बार पत्राचार और मौखिक चर्चा की गई है। अभी तक बजट न मिलने से मई से भुगतान लंबित है। जल्द ही बजट मिलने की आशा है।
एनएस बरकड़े, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास
जिले के 181 छात्रावास-आश्रमों की स्थिति, शासन से नहीं आया बजट
छिंदवाड़ा•Aug 14, 2020 / 05:55 pm•
prabha shankar
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना पॉजिटिव निकले, बीते सप्ताह आए थे ग्वालियर
छिंदवाड़ा/ कोरोना संक्रमणकाल में देश-प्रदेश से लौटे प्रवासी मजदूरों की सेवा में आदिवासी-अनुसूचित जाति छात्रावास-आश्रमों के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी लगे हुए हैं, लेकिन उन्हें चार माह से वेतन नहीं मिल पाया है। इससे उन्हें गम्भीर आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। इसकी जानकारी भेजे जाने के बाद भी राज्य शासन से बजट नहीं आया है।
आदिम जाति कल्याण विभाग के अधीन एसटी के 148 और एससी के 33 छात्रावास-आश्रम हैं। इन हॉस्टल में पिछले मई माह से लगातार देश-प्रदेश से आए प्रवासी मजदूरों को रखा जा रहा है। इनकी सेवा वहां के करीब 500 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कर रहे हैं। उन्हें मई माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। इसके लिए लघु वेतन कर्मचारी संघ भी कई बार ज्ञापन सौंपकर प्रशासन का ध्यान दिला चुका है, फिर भी इसका हल नहीं निकाला गया है। इसके चलते इन कर्मचारियों को रक्षाबंधन फीकी मनाना पड़ा। आगे पोला और हरितालिका तीज जैसे त्योहार है। वित्तीय स्थिति देखकर लग रहा है कि ये भी उन्हें बिना वेतन के ही मनाना पड़ेगा।
इनका कहना है
इस सम्बंध में विभागीय अधिकारियों से कई बार पत्राचार और मौखिक चर्चा की गई है। अभी तक बजट न मिलने से मई से भुगतान लंबित है। जल्द ही बजट मिलने की आशा है।
एनएस बरकड़े, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास